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लुधियाना सीट से रवनीत सिंह बिट्टू और मनीष तिवारी को कांग्रेस से टिकट मिलने पर जोर आजमाइश

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Ludhiana news लुधियाना। पंजाब का लुधियाना चुनाव क्षेत्र कांग्रेस के कब्जे में है। यहां आमतौर पर कांग्रेस व शिरोमणी अकाली दल के बीच मुकाबला होता आया है। लेकिन इस बार न तो आम आदमी पार्टी का यहां कोई खास असर है, न ही शिरोमणी अकाली दल में वह बात है,जो पहले हुआ करती थी। बावजूद इसके इस बार यहां मुकाबला तिकोना ही होना तय है।

congress to decide its candidate for ludhiana lok sabha seat

समझौते के तहत यह सीट फिर अकाली दल के पास आई है। लेकिन शिरोमणी अकाली दल की फूट और आम आदमी पार्टी से खैहरा गुट के अलग होने से राजनैतिक तस्वीर बदली है। पंजाब के सबसे बड़े आद्योगिक हब लुधियाना में एग्रीकल्चर युनिवर्सिटी देश दुनिया के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती है। नौ विधानसभा क्षेत्रों में सिमटा लुधियाना कांग्रेस के प्रति झुकाव वाला क्षेत्र रहा है। इस बार कांग्रेस यहां अभी टिकट के मामले में ही उलझी है।

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पिछले चुनाव में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री स्वार्गीय बेअंत सिंह के पोते रवनीत सिंह बिट्टू ने आम आदमी पार्टी के एचएस फुलका को हरा कर चुनाव जीता था। शिरोमणी अकाली दल के मनप्रीत सिंह अयाली और निर्दलीय सिमरजीत सिंह बैन्स क्रमश: तीसरे और चौथे नंबर पर रहे थे। लेकिन इस बार बिट्टू को टिकट के लिये कई पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। पार्टी अभी भी उनके मामले में कुछ स्पष्ट नहीं कर पाई है।

इस बार फिर से बिट्टू को कांग्रेस का टिकट मिलने को लेकर अभी हालात कुछ स्पष्ट नहीं हैं। उनके लिये पिछले अरसे से पूर्व सांसद मनीष तिवारी चुनौती बने हुये हैं। हालांकि तिवारी ने अब चंडीगढ़ से आवेदन किया है, बिट्टू लुधियाना से अपनी टिकट को लेकर आश्वस्त तो हैं। लेकिन तिवारी की चुनौती बरकरा है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी लुधियाना से किसी हिंदू चेहरे को खड़ा करना चाहते हैं। कांग्रेस के कुछ नेताओं का मानना है कि अगर मनीष तिवारी को चंडीगढ़ से टिकट नहीं मिल पाता तो उनकी दूसरी पसंद लुधियाना होगी। इस सूरत में बिट्टू का टिकट कट सकता है। खुद बिट्टू कहते हैं कि वह लुधियाना के अलावा और कहीं से चुनाव नहीं लड़ेंगे।

वहीं,आम आदमी पार्टी की टूट और एचएस फूलका के राजनिति से सन्यास लेने के बाद आप के पास कोई लोकप्रिय चेहरा नहीं है। इस बार आप पार्टी के जिला अध्यक्ष दलजीत सिंह ग्रेवाल भी टिकट की दौड़ में हैं। 2014 में आप के उम्मीदवार एचएस फुल्का को यहां से 2.6 लाख वोट मिले थे। वह रवनीत सिंह बिट्टू के बाद दूसरे नंबर पर रहे थे । दूसरी ओर 2014 के लोकसभा चुनावों में बैन्स को दो लाख से अधिक वोट मिले थे। उन्होंने अपनी लोक इंसाफ पार्टी बना ली है और वह आत्मा नगर से विधायक हैं। उन्होंने पंजाब डेमोक्रेट्रिक एलाइंस के साथ गठजोड़ कर लिया है। उनके साथ सुखपाल खैरा की पंजाबी एकता पार्टी, रंजीत सिंह ब्रहम्पुरा के नेतृत्व में शिरोमणि अकाली दल (टकसाली) और बहुजन समाज पार्टी भी शामिल हैं। दो बार के आत्म नगर के विधानसभा चुनावों में विजेता बैन्स अब लोकसभा चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। नाम न बताने की शर्त पर एक राजनीतिक पार्टी के नेता ने कहा, बैन्स बहुत महत्वाकांक्षी हैं। वह पीडीए के लोकसभा चुनावों में तय शुदा उम्मीदवार होंगे।

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