यूपी के स्वयंसेवी समूहों को योगी सरकार ने दिया 218 करोड़ का फंड, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की योजना
लखनऊ। लॉकडाउन के बीच गैर प्रदेशों से पलायन कर प्रवासी श्रमिक बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश वापस लौट रहे हैं। प्रदेश में अब तक करीब 20 लाख प्रवासी श्रमिक आ चुके हैं, वहीं 40 लाख और प्रवासी श्रमिक प्रदेश में आने वाले है। इन सभी को एक हजार रूपए भत्ता देने के साथ प्रदेश में कार्य पर भी लगाया जाएगा। जिससे उनकी प्रतिभा का लाभा प्रदेश को मिल सके। इस दौरान सीएम ने स्टार्टअप फंड की शुरुआत भी की है। यह फंड 1000 करोड़ रुपए का है। युवाओं को इस स्टार्टअप फंड से खासी मदद मिलेगी। जॉब की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठके में उन्होंने कहा कि प्रदेश में 12,000 से अधिक महिला स्वयंसेवी समूहों ने 8 करोड़ मूल्य के 57 लाख से अधिक मास्क और 8,000 से अधिक सेनेटाइजर बनाए हैं। 27 हजार से ज्यादा पीपीई (PPE) किट का निर्माण प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में महिला स्वयंसेवी समूहों ने किया है। हम प्रदेश में 58 हजार बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट सखी का ऐलान कर रहे हैं। महिला स्वयं सेवी समूह से महिलाएं बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट सखी बनेंगी। इससे बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसमें आगामी 6 महीने तक उन्हें 4,000 उपलब्ध कराएंगे, डिवाइस के लिए 50,000 रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे।
सीएम ने ग्रामीण महिलाओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया और उन्हें प्रोत्साहित किया। सीएम ने महिलाओं से कहा कि आप अच्छे उत्पाद बनाइए और सरकार आपकी पूरी मदद करेगी। इन स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई अधिकतर महिलाएं प्रवासी कामगारों और श्रमिकों के परिवारों की हैं। यूपी सरकार की मदद से लखीमपुर-खीरी और सिद्धार्थनगर में पीपीई किट बना रहे महिला स्वयं सहायता समूह को भी रिवाल्विंग फंड दिया गया है ताकि प्रदेश में पीपीई किट्स की भी कमी न हो और उन्हें प्रोत्साहन भी मिले।
बता दें कि ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिन स्वयं सहायता समूहों को 218.49 करोड़ का फंड दिया गया है, उनमें बड़ी संख्या में वंचित समाज की महिलाएं जुड़ी हुई हैं। ये सहायता 196 वनटांगिया, 2477 मुसहर, 366 थारू जनजाति की महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से इस फंड के जरिये मास्क समेत सिलाई, कढाई, पत्तल, मसाले जैसे उत्पादों के लिए काम कर रही महिलाओं को मदद मिलेगी। इस फंड का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और स्वावलंबन को बढ़ावा देना है।
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