यमुना एक्सप्रेसवे पर कमजोर आंख वाले नहीं चला पाएंगे वाहन, टायरों की भी होगी जांच
लखनऊ। यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसों से बचने के लिए आंख के साथ गाड़ियों के टायर की भी जांच होगी। यमुना एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले लोगों की आंखों की जांच की जाएगी। उनके वाहनों के टायरों की भी जांच की जाएगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई एक बैठक के बाद यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह ने यमुना एक्सप्रेसवे का संचालन करने वाली कंपनी को आदेश दिया है। आंखें ठीक होने पर ही ड्राइवर को यमुना एक्सप्रेसवे पर सफर करने की इजाजत मिलेगी।
इसी तरह अगर एक लेवल से ज्यादा टायर घिसे मिले या पुराने हुए तो वाहन को यमुना एक्सप्रेसवे पर सफर नहीं करने दिया जाएगा। यमुना एक्सप्रेसवे पर सुरक्षित सफर के लिए गुरुवार से एक महीने तक विशेष अभियान चलेगा। यह अभियान सुबह 11.30 बजे से शुरू होगा। इसमें वाहन चालकों को जागरूक भी किया जाएगा। वहीं, अगर इसके बावजूद चालकों ने यातायात के नियमों का पालन नहीं किया तो उनके वाहनों का चालान भी काटा जाएगा। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा पर बैठक हुई थी। इस बैठक में यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह भी शामिल हुए थे। सीएम योगी ने पूरे प्रदेश में विशेष अभियान चलाने के साथ-साथ नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। गौतमबुद्ध नगर जिले में इस अभियान की शुरुआत यमुना एक्सप्रेसवे से हो रही है। जेवर टोल प्लाजा पर यातायात नियमों का पालन करने और सुरक्षित सफर के लिए पर्चेबांटे जाएंगे।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि वाहनों के टायरों की जांच की जाएगी। वाहन चालकों को उनके टायरों के रखरखाव के बारे में जानकारी दी जाएगी। यमुना एक्सप्रेसवे पर सफर करने के लिए टायर की रबर कम से कम 30 फीसदी बाकी रहनी चाहिए। टायरों में मानकों के हिसाब से हवा होनी चाहिए। अगर नाइट्रोजन हो तो इसे आदर्श माना जाता है। इसके अलावा वाहन चालकों की आंखों की जांच होगी। अभियान के तहत बिना हेलमेट वाले बाइक चालकों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
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