CAA Protest: तैयबा, फरीदा के बाद अब शमशुन्निसा की मौत, 56 दिनों से कर रही थी लखनऊ घंटाघर पर प्रदर्शन
लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ यूपी की राजधानी लखनऊ के घंटाघर परिसर में पिछले 56 दिनों से दिल्ली के शाहीन बाग की तरह धरना प्रदर्शन चल रहा है। इस प्रदर्शन में शामिल होने आ रही 55 वर्षीय शमशुन्निसा की मौत हो गई है। बता दें कि बारिश में भीगने की वजह से शमशुन्निसा बीमार हो गई थी। शमशुन्निसा के बीमार होने पर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बुधवार देर रात को उन्होंने दम तोड़ दिया।
शुरुआत
से
प्रदर्शन
में
शामिल
रहीं
शमशुन्निसा
जानकारी
के
मुताबिक,
घंटाघर
परिसर
पर
प्रदर्शन
के
लिए
प्रशासन
ने
टेंट
लगाने
की
अनुमति
नहीं
दी
थी
तो
प्रदर्शनकारी
यहां
17
जनवरी
से
बिना
टेंट
के
ही
धरना
दे
रहे
हैं।
शमशुन्निसा
भी
इस
प्रदर्शन
से
शुरूआत
से
जुड़ी
हुई
थीं।
बता
दें
कि
सआदतगंज
थाना
इलाके
के
तकिया
बदर
अली
शाह
मौज्जम
नगर
की
रहने
वाली
शमशुन्निसा
(55)
के
पति
बाबू
की
पूर्व
में
मौत
हो
चुकी
है।
बेहद
गरीब
परिवार
से
तालुक
रखने
वाली
शमशुन्निसा
के
छह
बेटे
हैं।
कोई
मजदूरी
करता
है
तो
कोई
रिक्शा
चलाकर
परिवार
का
भरण
पोषण
कर
रहा
है।
ट्रामा
सेंटर
में
कराया
इलाज,
नहीं
बची
जान
शुक्रवार
को
बारिश
में
भीगने
के
बाद
शमशुन्निसा
बीमार
हो
गई
थीं।
परिजनों
ने
उनका
इलाज
बलरामपुर
अस्पताल
व
ट्रामा
सेंटर
में
कराया।
लेकिन
बुधवार
रात
उनकी
मौत
हो
गई।
प्रदर्शनकारियों
में
प्रशासन
के
प्रति
आक्रोश
है।
कहा-
यदि
घंटाघर
प्रदर्शन
स्थल
पर
टेंट
लगा
होता
तो
महिलाएं
बीमार
नहीं
होती
न
ही
उनकी
जान
जाती।
इससे
पहले
8
मार्च
को
प्रदर्शनकारी
फरीदा
(55),
23
फरवरी
को
तैयबा
(20)
की
मौत
हो
गई
थी।
दोनों
ने
भी
बारिश
में
भीगने
के
बाद
बीमारी
के
कारण
दम
तोड़ा
था।
तैयबा
बीए
अंतिम
वर्ष
की
छात्रा
थी।
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