CAA विरोधियों पर नहीं हुआ 'जनता कर्फ्यू' का असर, लखनऊ और मुरादाबाद में महिलाओं का प्रदर्शन जारी
लखनऊ। कोरोना वायरस को हराने के लिए पीएम मोदी की अपील पर जनता ने खुद को घरों में कैद कर लिया है। सभी जगह जनता कर्फ्यू का आसर दिख रहा है, सड़कों पर सन्नाटा है। वहीं, दूसरी तरफ लखनऊ और मुरादाबाद में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में धरने पर बैठे लोगों पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। वह अपने साथ दूसरों की जिंदगी को भी खतरे में डाल रही हैं।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर लखनऊ के घंटाघर पर महिलाएं पिछले तीन महीनों से प्रदर्शन कर रही है। प्रदर्शनकारी शबीह फातिमा का कहना है कि कोरोना से बचाव के सभी तरीके अपनाए जा रहे हैं लेकिन जब तक सरकार कानून वापस नहीं लेगी उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। वहीं, कोरोना वायरस फैलने के बाद प्रदर्शन में शामिल रही महिलाएं भी अब इस प्रदर्शन का स्थगित करने की बात कह रही है। सदफ जाफर कहती हैं कि केन्द्र सरकार ने कोरोना को महामारी घोषित कर दिया है। इसका इलाज सिर्फ बचाव है।
Lucknow: Women continue to sit near Clock Tower (Ghanta Ghar) to protest against Citizenship Amendment Act (CAA) and National Register of Citizens (NRC), amid #JanataCurfew that is being observed across the country to control the spread of #COVID19. https://t.co/KX5V8l5x74 pic.twitter.com/0fmNEnW8FU
— ANI UP (@ANINewsUP) March 22, 2020
वहीं, दूसरी तरफ मुरादाबाद जिले में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में धरने पर बैठे मुस्लिम समाज के लोगों पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। गलशहीद थाना क्षेत्र के ईदगाह में मैदान में पिछले करीब दो महीने से सीएए के खिलाफ धरने पर बैठे हैं। हालांकि पीएम मोदी की अपील के बाद शहर ईमाम व सपा सांसद ने भी लोगो से जनता कर्फ़्यू को कामयाब बनाने की अपील की थी। लेकिन अपनी हठधर्मिता के चलते लोग दूसरों की भी परवाह नहीं कर रहे हैं। गौरतलब है कि शनिवार को ही मुरादाबाद में एक 19 साल की लड़की में कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया है।