दुर्दांत विकास दुबे की पत्नी रिचा ने शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार से मांगी माफी, कही यह बात
लखनऊ। 'शिवली का डॉन' नाम से कुख्यात विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे ने कहा कि 2 जुलाई की रात बिकरू गांव में उन्होंने जो किया वो गलत किया। विकास के कृत्य पर माफी मांगना चाहती हूं। रिचा ने कहा, 'अगर ऐसी घटना के बाद विकास दुबे मेरे सामने होता तो मैं खुद उसको गोली मार देती। क्योंकि 17 घर बर्बाद होने से अच्छा है कि एक घर बर्बाद हो जाता। रिचा दुबे गुरुवार को पहली बार मीडिया के सामने आई और एक इंटरव्यू में यह बात कही।
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शादी के दो साल बाद छोड़ दिया था ससुराल
मीडिया से बातचीत के दौरान दुर्दांत विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे ने कई खुलासे किए। रिचा दुबे ने कहा 'मेरी उनसे (विकास दुबे) मुलाकात 1996 में हुई थी। वो मेरे भाई राजू निगम के एक अच्छे मित्र थे। मेरे भाई ने ही हमारी शादी उनसे कराई थी। बताया कि विकास अपने गांव में विवादों को सुलझाने में लोगों की मदद करते थे और लोग अपनी समस्याओं को लेकर उनके पास आते थे। बिकरू में जो वह कहते थे, वही अंतिम शब्द होता था।' इतना ही नहीं, लोगों की मदद के लिए वो आए दिन लड़ाई झगड़ा करते थे। जब वो विकास को रोकने की कोशिश करती थी, तो वो अभद्रता करता था। यही वजह है कि 1998 में वह अपनी मां के घर रहने चली गई थी। फिर वो 7 साल तक वहीं रही।
'विकास ने कहा था- लखनऊ वाले घर से भाग जाओ..'
विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे ने कहा कि जिस रात आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे, उस रात लगभग दो बजे उनका (विकास दुबे) का फोन आया था। वो फोन आखिरी था, जब उनसे (विकास दुबे) से बात हुई थी। रिचा ने कहा, 'उन्होंने मुझसे कहा कि अपने लखनऊ वाले घर से तत्काल भाग जाओ, क्योंकि बिकरू में कई पुलिसकर्मी मारे गए हैं। तुम घर से बच्चों को लेकर निकल जाओ। वो बिना सोचे समझे आधी रात को यूं ही घर से निकल गई।
टूटे कॉम्प्लेक्स में बिताए सात दिन
रिचा ने कहा कि वह सात दिनों तक लखनऊ में एक टूटे कॉम्प्लेक्स में अपने बच्चों के साथ रही। उसे कुछ पता नहीं था कि इस घटना के बाद क्या होने वाला है। वह सिर्फ अपने बच्चों की परवरिश को लेकर चिंतित थी। उसने कहा कि न मायका और न ही ससुराल से मुझे कोई सपोर्ट मिलना था। इस कारण अपने बच्चों के लिए जो भी करना था, खुद ही करना था।
टीवी और अखबारों से मिली जानकारी
रिचा दुबे ने बताया कि इस दौरान उन्हें कोई मदद नहीं मिली। कोई गाड़ी नहीं मिली। गाड़ी मिलने की चैनलों पर फर्जी चली थी। जब वे बाहर घूम रहे थे। एक होटल में खाना खाया। वहीं टीवी पर न्यूज देखकर पता चला कि विकास ने 8 लोगों का मार दिया। रिचा कहती हैं कि विकास उन्हें कुछ नहीं बताते थे। ना उनसे कुछ डिस्कस करते थे। बस वो खर्चा पानी भेजते थे।
लॉकडाउन में पुलिसकर्मियों को खिलाया था खाना
विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे ने दावा किया कि कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान पुलिसकर्मी बिकरू गांव में लंच और डिनर करते थे। रिचा ने बताया कि कई पुलिसकर्मी तो रात को भी उनके घर पर ही रुकते थे। उसने कहा, 'पुलिस ने उनका इस्तेमाल किया औऱ उसके बाद उन्हें खत्म कर दिया।
एनजाइटी अटैक की वजह से किया ये कांड
रिचा दुबे ने बताया कि विकास एक दुर्घटना का शिकार हुआ था तब उसके दिमाग में बबल आ गया था। इसके कारण वह एनजाइटी का मरीज हो गया था। उसका इलाज चल रहा था। बीते 3-4 माह से इलाज नहीं हो सका था। इस बीमारी के कारण विकास का गुस्सा बहुत बढ़ गया था। उसी एनजाइटी अटैक की वजह से उसने ये कृत्य किया। इससे पहले वो बोली कि अपराधी कोई पैदाइशी नहीं होता। विकास को आस-पास के लोगों ने अपराधी बनाया।
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