गायत्री प्रजापति के खिलाफ विजिलेंस ने दर्ज कराई FIR, आय से अधिक संपत्ति का मामला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में एफआईआर दर्ज कराई है। यह एफआईआर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में दर्ज हुई है। दो साल पहले शासन के आदेश के बाद विजिलेंस ने गायत्री प्रजापति की जांच शुरू की थी। जांच में साफ हो गया था कि उनकी संपत्ति आय से तीन करोड़ ज्यादा निकली। 2007 से 2012 तक मंत्री पद पर रहते हुए प्रजापति की आय मात्र 5 लाख थी, जबकि उनकी संपत्ति करीब 3.50 करोड़ निकली। बता दें, यूपी के कई जिलों में हुए खनन घोटाले से जुड़े मामलों की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है। गायत्री प्रजापति सपा सरकार में खनन मंत्री थे।
शासन से अनुमति मिलने के बाद दर्ज की एफआईआर
विजिलेंस की जांच में खुलासे के बाद रिपोर्ट शासन को सौंपी गई थी। शासन से अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज की है। वहीं, इस जांच के दौरान विजिलेंस को 21 बेनामी संपत्तियों की भी जानकारी मिली हैं। यह संपत्तियां गायत्री प्रजापति से संबंधित बताई जा रही हैं। इसमें से 11 संपत्तियां गायत्री के नाम पर तो बाकी पत्नी और बेटे के नाम पर बताई जा रही हैं।
इससे पहले ईडी ने की थी पूछताछ
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने गायत्री प्रजापति के बेटे अनिल प्रजापति से कई शेल कंपनियों को लेकर भी पूछताछ की थी। ईडी को शेल कंपनियों के साथ करोड़ों के ट्रांजेक्शन से जुड़े सबूत मिले। बता दें, गायत्री के बेटे अनिल पर आरोप है कि उन्होंने शेल कंपनियों के जरिए मोहनलालगंज में करोड़ों की संपत्तियां खरीदी हैं। इसके अलावा खनन घोटाले के मामले में भी उनसे पूछताछ हुई। ईडी की जांच में ये बात भी सामने आई कि अनिल प्रजापति की कंपनी एमजे कॉलोनाइजर्स ने लखनऊ के मोहनलालगंज में 110 बीघा जमीन खरीदी, जिसमें एक बीघा जमीन की कीमत एक करोड़ बताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, गायत्री प्रजापति के बेटे अनिल ने पूछताछ में पुणे में महंगा रो-हाउस खरीदने की बात कबूली है।