SIT को सौंपी गई कानपुर एनकाउंटर की जांच, 31 जुलाई तक रिपोर्ट तलब
लखनऊ। कानपुर एनकाउंटर मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया है। यूपी सरकार ने शनिवार को यह आदेश दिया है। अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उप महानिरीक्षक जे रवींद्र गौड़ को सदस्य बनाया गया है। मामले की जांच कर शासन ने 31 जुलाई तक रिपोर्ट तलब की है। बता दें, कानपुर के चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव में 2 और 3 तीन जुलाई की रात बिकास दुबे और उसके साथियों ने पुलिस टीम पर हमला किया था, जिसमें आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
Recommended Video
आठ पुलिसकर्मी हुए थे शहीद
बता दें, कानपुर के चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव में दो और तीन जुलाई की रात का पुलिस की एक टीम गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने के लिए गई थी। इसी दौरान वहां पहले से घात लगाए बैठे विकास और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर तीन तरफ से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस हमले में बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि सात पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। जांच में चौबेपुर के निलंबित एसओ विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा की विकास दुबे से सांठ-गांठ और मुखबिरी की बात सामने आई थी, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
#KanpurEncounter case: State Government has ordered that a Special Investigation Team (SIT) will conduct the investigation in the case. SIT will be headed by Additional Chief Secretary Sanjay Bhoosreddy. pic.twitter.com/95H9OGHRc0
— ANI UP (@ANINewsUP) July 11, 2020
मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन
विकास दुबे और उसके गुर्गों के खात्मे के बाद अब यूपी सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। शासनादेश के अनुसार, पूरे घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में आए कारणों जैसे अभियुक्त विकास दुबे के खिलाफ जितने भी अभियोग प्रचलित हैं, उन पर अब तक क्या प्रभावी कार्यवाही की गई? विकास और उसके साथियों को सजा दिलाने के लिए की गई कार्रवाई क्या पर्याप्त थी? इतने विस्तृत आपराधिक इतिहास वाले अपराधी की जमानत निरस्तीकरण की दिशा में क्या कार्यवाही की? विकास दुबे के खिलाफ कितनी जन शिकायतें आई और उन पर एसओ चौबेपुर द्वारा और जनपद के अन्य अधिकारियों द्वारा क्या जांच की गई व पाए गए तथ्यों के आधार पर क्या कार्रवाई की गई, इसका विस्तृत परीक्षण करना। विकास दुबे और उसके साथियों के पिछले एक साल के सीडीआर की जांच की जाएगी। इस लोगों के संपर्क में आए सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ संलिप्तता के सबूत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा इतने अधिक अपराधों में संलिप्त रहने के बावजूद विकास दुबे को विकास दुबे और उसके साथियों के पास लाइसेंस और हथियार कैसे बना रहा?