यूपी के 5 IPS पर भ्रष्टाचार के मामले में SIT ने शासन को भेजी रिपोर्ट, कहा- पूर्व डीजीपी ओपी सिंह की वजह से जांच में हुई देरी
लखनऊ। भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे उत्तर प्रदेश के 5 आईपीएस अफसरों के खिलाफ एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है। सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह की वजह से जांच में देरी का जिक्र किया गया है। कहा गया है कि तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह ने जांच से जुड़ी पेन ड्राइव देने में देर की। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पेन ड्राइव भी ओरिजनल नहीं दी गई है। बता दें, ओपी सिंह अब रिटायर हो चुके हैं।
इन 5 अफसरों पर हैं भ्रष्टाचार का आरोप
नोएडा के एसएसपी रहे वैभव कृष्ण ने पांच आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। इसमें गाजियाबाद के एसएसपी रहे सुधीर कुमार सिंह, रामपुर के एसपी रहे अजय पाल शर्मा, बांदा के एसपी रहे गणेश साहा और सुल्तानपुर के एसपी रहे हिमांशु कुमार शामिल हैं। कुशीनगर में एसपी रहे राजीव नारायण मिश्रा पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। हालांकि आरोप लगने से पहले ही उन्हें कुशीनगर से हटाकर एसटीएफ का एसएसपी बना दिया गया था। जनवरी में भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के बाद इन सभी पांचों आईपीएस अफसरों को उनके पदों से हटा दिया गया था।
भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे हैं ये पांच आईपीएस अधिकारी
तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने इस संबंध में सबूतों की पेन ड्राइव भेजी थी। इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी। उस दौरान प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह थे, जबकि एसआईटी प्रमुख तत्कालीन निदेशक, विजिलेंस एचसी अवस्थी थे। अब ओपी सिंह रिटायर हो चुके हैं और एचसी अवस्थी प्रदेश के डीजीपी हैं। सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेजते हुए आरोप लगाया है कि तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह की वजह से जांच में देरी हुई।
तत्कालीन डीजीपी की वजह से जांच में देरी!
शासन को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया कि दो बार लेटर लिखने के बाद भी जांच से जुड़ी पेन ड्राइवर देने में देर की गई। एसआईटी ने 10 जनवरी और 13 जनवरी 2020 को तत्कालीन डीजीपी को लेटर लिखे, इसके बाद पेन ड्राइव दी गई। आरोप है कि यह पेन ड्राइवर भी ओरिजिनल नहीं है। एसआईटी को पेन ड्राइव की कॉपी दी गई।
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