अनामिका शुक्ला केस: मास्टरमाइंड समेत तीन को STF ने किया गिरफ्तार, नौकरी के एवज में लेते थे दो से तीन लाख रुपए
लखनऊ। बुहचर्चित अनामिका शुक्ला प्रकरण में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने बड़ी सफलता हासिल की है। फर्जी दस्तावेजों के जरिये शिक्षक की नौकरी दिलाने के मामले में एसटीएफ ने गैंग के सरगना पुष्पेंद्र समेत तीन लोगों को लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया है। तीनों आरोपितों को गोंडा पुलिस के हवाले किया जा रहा है। गोंडा में अनामिका शुक्ला की ओर से उनके शैक्षिक दस्तावेजों के दुरुपयोग के संबंध में दर्ज कराए गए मुकदमों में तीनों के खिलाफ मामला चलेगा।
Recommended Video
एसटीएफ ने इस मामले के मुख्य आरोपित मैनपुरी निवासी पुष्पेंद्र जाटव उर्फ राज, जौनपुर में बेसिक शिक्षा कार्यालय में जिला समन्वयक अधिकारी आनंद तथा लखीमपुर में बेसिक शिक्षा कार्यालय के प्रधान लिपिक रामनाथ को गिरफ्तार किया है। बता दें, मुख्य आरोपित पुष्पेंद्र जाटव उर्फ राज फर्रुखाबाद में सहायक अध्यापक है। इसके अलावा रामनाथ वर्तमान में हरदोई के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, पाली में संबद्ध था। आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि आरोपित राज उर्फ पुष्पेंद्र जाटव उर्फ गुरुजी ही गिरोह का सरगना है। पूछताछ में पुष्पेंद्र ने बताया कि वह सुशील पुत्र गुलाब चंद्र के नाम से फर्जी तरीके से सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त है।
पुष्पेंद्र ने बताया कि 2010 में उसकी मुलाकात बेसिक शिक्षा कार्यालय हरदोई में तैनात प्रधान लिपिक रामनाथ से हुई थी। रामनाथ ने पुष्पेंद्र की मुलाकात जौनपुर में जिला समन्वयक अधिकारी आनंद से कराई। जौनपुर में कस्तूरबा गांधी विद्यालय में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का आवेदन पत्र व शैक्षिक दस्तावेज आनंद सिंह की कस्टडी में होता था। काउंसिलिंग में शामिल न होने पर अनामिका के दस्तावेज आनंद सिंह ने रामनाथ को उपलब्ध करा दिए। रामनाथ ने पुष्पेंद्र की मदद से बबली को अनामिका बनाकर अलीगढ़ में और बबली की ननद सरिता को अनामिका बनाकर प्रयागराज में, दीप्ति को वाराणसी में, प्रिया को कासगंज में 2-2 लाख रुपए लेकर नौकरी दिलाई थी।
पुष्पेंद्र ने अपने भाई जसवंत को विभव कुमार के नाम से फर्जी तरीके से नौकरी दिला दी थी। इस मामले में अन्य की भी तलाश की जा रही है। एसटीएफ के मुताबिक अब तक अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों पर अलीगढ़, वाराणसी, कासगंज, सहारनपुर, बागपत, रायबरेली ,अमेठी ,अंबेडकर नगर में फर्जी भर्तियां होने की बात सामने आई है। तीनों के कब्जे से दो मोबाइल फोन, एक ड्राइविंग लाइसेन्स, एक आधार कार्ड, एक एटीएम कार्ड, एक लाइसेंसी पिस्टल 7.65 एमएम सात जिन्दा कारतूस और 1180 रुपये नगद बरामद हुए हैं।