यूपी एमएलसी चुनाव : सपा प्रत्याशी कीर्ति कोल का पर्चा रद्द, जानिए क्या रही बड़ी वजह ?
लखनऊ, 02 अगस्त: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दो सीटों के लिए होने वाले चुनाव में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। सपा प्रत्याशी कीर्ति कोल का पर्चा खारिज हो गया है, जिसके बाद बीजेपी के दोनों उम्मीदवार निर्मला पासवान और धर्मेंद्र सिंह की निर्विरोध जीत तय हो गई है। दरअसल, विधान परिषद सदस्य के निर्वाचन के लिए न्यूनतम 30 वर्ष की आयु होनी चाहिए, लेकिन समाजवादी पार्टी की विधान परिषद उम्मीदवार कीर्ति कॉल ने नामांकन पत्र में अपनी उम्र 28 वर्ष दिखाई थी। इसी वजह से रिटर्निंग अफसर की तरफ से नामांकन पत्र की जांच के दौरान मंगलवार को नामांकन पत्र खारिज करने की कार्यवाही की गई है। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के दोनों उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो जाएंगे।
सपा से कैसे हुई इतनी बड़ी चूक ?
सपा प्रत्याशी कीर्ति कोल और बीजेपी के दोनों उम्मीदवारों ने सोमवार को ही नामांकन किया था। सपा प्रत्याशी के नामांकन के दौरान पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव नहीं पहुंचे थे। वहीं, बीजेपी के दोनों उम्मीदवारों के नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मौजूद थे। कीर्ती कोल का पर्चा रद्द होने के बाद बड़ा सवाल अब यह उठ रहा है कि समाजवादी पार्टी की तरफ से इतनी बड़ी चूक हुई कैसे?
कौन हैं कीर्ति कोल, जिन्हें सपा ने बनाया MLC चुनाव में अपना प्रत्याशी
यूपी एमएलसी चुनाव का गणित
बता दें, यूपी विधान परिषद में कुल 100 सीटें हैं, जिनमें 73 सदस्य बीजेपी के हैं, जबकि दूसरे नंबर पर सपा के 9 सदस्य हैं। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी, अपना दल (एस), निषाद पार्टी और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के एक-एक सदस्य हैं। इसके अलावा शिक्षक दल के दो, निर्दलीय समूह से दो और निर्दलीय सदस्य के रूप में दो सदस्य हैं। ऐसे में कुल मिलाकर 92 सीटे हुईं। बची हुई 8 सीटों में दो सीटों पर चुनाव हो रहा है। जिन दो सीटों पर चुनाव होने हैं, उनमें से एक सीट सपा एमएलसी अहमद हसन की मृत्यु और ठाकुर जयवीर सिंह के इस्तीफे से खाली हुई हैं। बाकी बची 6 सीटें मनोनीत सदस्यों वाली हैं। इन सीटों पर चुनाव नहीं होगा। इन सदस्यों को राज्यपाल मनोनीत करेगा। बीजेपी ने धर्मेंद्र सिंह सैंथवार और निर्मला पासवान को उत्तर प्रदेश के विधान परिषद चुनाव का उम्मीदवार बनाया है। सपा प्रत्याशी का पर्चा रद्द होने के बाद अब बीजेपी के दोनों प्रत्याशियों की निर्विरोध जीत तय है।