'पंजाब सरकार बेशर्मी से गैंगस्टर मुख्तार को बचा रही', SC में बोले यूपी सरकार के सॉलिसिटर जनरल
लखनऊ। माफिया विधायक मुख्तार अंसारी को लेकर यूपी और पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट में आमने सामने है। मुख्तार को वापस उत्तर प्रदेश भेजने के मामले की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवाई को सुनवाई हुई। इस दौरान यूपी सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि पंजाब सरकार बेशर्मी के साथ एक गैंगस्टर को बचा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को एक हफ्ते के लिए टाल दिया है।
मुख्तार की तरफ से मुकुल रोहतगी ने पक्ष रखते हुए मुख्तार अंसारी को छोटा आदमी बताया और कहा कि यूपी सरकार जानबूझकर उसे परेशान कर रही है। मुख्तार अंसारी के वकील के बयान पर यूपी की तरफ से पेश हुए सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये इतने छोटे आदमी हैं जिनको बचाने के लिए पूरी पंजाब सरकार बेशर्मी से इनके पीछे खड़ी है। तुषार मेहता की बात सुनकर मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर मैं (मुख्तार) इतना ताकतवर हूं तो मुझे सीएम बना दो। फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई दो मार्च तक टाल दी है।
बता दें, मुख्तार अंसारी फिलहाल पंजाब के रोपड़ जेल में एक हत्या के मामले में बंद है। यूपी सरकार मुख्तार को यूपी के जेल में लाकर यहां दर्ज मुकदमों का निपटारा करना चाहती है। पंजाब सरकार मुख्तार अंसारी को अपनी जेल से नहीं छोड़ रही है। बुधवार को सुनवाई से पहले यूपी सरकार ने हलफनामा दाखिल किया था। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर मुख्तार अंसारी को पंजाब से यूपी के जेल में ट्रांसफर करने की मांग की। हलफनामे में कहा गया कि यूपी सरकार मुख्तार अंसारी की सुरक्षा और उसके स्वास्थ्य को लेकर प्रतिबद्ध है। सुप्रीम कोर्ट अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर मुख्तार को वापस यूपी भेजे। यूपी सरकार ने कहा कि मोहाली में दर्ज केस भी प्रयागराज ट्रांसफर किया जाए। यूपी सरकार ने कहा कि मुख्तार अंसारी पर प्रयागराज के एमपी एमलए कोर्ट में जघन्य अपराध के 10 केस दर्ज हैं।
हलफनामे में यह भी कहा गया कि बांदा जेल सुपरिटेंडेंट ने बिना एमपी एमएलए कोर्ट की अनुमति के मुख्तार अंसारी को पंजाब पुलिस को सौंपा था। यूपी सरकार ने कहा कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ कई बार पेशी वारंट जारी हुआ, लेकिन रोपड़ जेल अधिकारी अंसारी को बीमार बताते रहे। यूपी सरकार ने कहा कि मोहाली मामले में 2 साल से चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है, लेकिन फिर भी अंसारी वहां जमानत नहीं मांग रहा है, मिलीभगत साफ दिख रही है।