शिक्षक संघ का दावा, पंचायत चुनाव में कोरोना से मरे 1621 शिक्षक, सरकारी मुआवजे के लिए केवल तीन पात्र
लखनऊ, मई 19: उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने दावा किया था कि पंचायत चुनाव के दौरान ड्यूटी करने वाले 1621 टीचरों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और बेसिक शिक्षा विभाग के अन्य कर्मियों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हुई है। वहीं, मंगलवार को यूपी सरकार के बेसिक शिक्षक विभाग की तरफ से कहा गया है कि पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग के सिर्फ 3 शिक्षकों की मौत हुई है, जो मुआवजे के पात्र हैं। इस मामले में वनइंडिया ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र से बातचीत की। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश में संपन्न पंचायत निर्वाचन में मात्र 3 शिक्षकों की मौत का दावा किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
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शिक्षक संघ ने कहा- यह सरकार की संवेदनहीनता है
डॉ. आरपी मिश्रा ने कहा, 'बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि शिक्षक के अपने घर से मतदान या मतगणना स्थल तक आने और वहां से वापस जाने के बीच में अगर मृत्यु होती है तो राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मुआवजा दिया जाएगा। यह आश्चर्यजनक है, क्योंकि निर्वाचन आयोग का सामान्य नियम है जिसमें मतदान या मतगणना स्थल तक आने और जाने में किसी प्रकार की दुर्घटना आदि से मृत्यु होती है तो सभी को मुआवजा मिलता है, लेकिन इन कोरोना संक्रमण की विशेष परिस्थितियों में शिक्षकों की मौत पर सरकार द्वारा संगठन की मुआवजे एवं अन्य मांगों पर कोई विचार न किया जाना सरकार की संवेदनहीनता दर्शाता है।' बता दें, शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मृतकों के परिजनों को एक करोड़ मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है। संघ ने मृतक शिक्षकों और विभाग के कर्मचारियों की लिस्ट भी शासन को भेजी है।
शिक्षक संघ ने पहले 706, फिर 1621 शिक्षकों की लिस्ट सरकार को सौंपी
डॉ. मिश्र ने बताया कि प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने पहले 706 शिक्षकों और बाद में 1621 शिक्षकों की लिस्ट, जिसमें प्रशिक्षण, मतदान या मतगणना के दौरान संक्रमित हुए शिक्षक और बाद में उनकी मृत्यु हुई है, सरकार को सौंपी है। माध्यमिक शिक्षक संघ भी ऐसे लगभग 500 शिक्षकों की सूची तैयार कर रहा है जिसे जल्द ही शासन को भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से मौत के शिकार हुए शिक्षकों से संबंधित मांगों को पूरा कराने के लिए शिक्षक महासंघ हर संभव प्रयास करेगा और आवश्यक हुआ तो सड़क पर उतर कर भी संघर्ष करेगा।
बेसिक शिक्षा विभाग ने कहा- तीन शिक्षकों की हुई मृत्यु
बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसचिव सत्यप्रकाश की ओर से मंगलवार को प्रेस नोट जारी किया गया। इसमें स्पष्ट किया गया है कि राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार, घर से ड्यूटी स्थल और ड्यूटी स्थल से घर के बीच मौत होने पर ही मुआवजा देने का प्रावधान है। इसका निर्धारण भी आयोग ही करता है। आयोग को जिलाधिकारियों की ओर से अब तक मात्र 3 परिषदीय शिक्षकों की मृत्यु की प्रमाणिक सूचना मिली है। विभाग ने मृतक आश्रितों को मुआवजा राशि का भुगतान जल्द कराने का आश्वासन दिया है।
प्रियंका गांधी ने कहा- शिक्षकों की मृत्यु के बाद सरकार छीन रही उनका सम्मान
कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर मृत्यु के बाद शिक्षकों का सम्मान छीने ने का गंभीर आरोप लगाया है। प्रियंका गांधी ने बुधवार (19 मई) को ट्वीट करते हुए लिखा, 'पंचायत चुनाव में ड्यूटी करते हुए मारे गए 1621 शिक्षकों की उप्र शिक्षक संघ द्वारा जारी लिस्ट को संवेदनहीन यूपी सरकार झूठ कहकर मृत शिक्षकों की संख्या मात्र 3 बता रही है। शिक्षकों को जीते जी उचित सुरक्षा उपकरण और इलाज नहीं मिला और अब मृत्यु के बाद सरकार उनका सम्मान भी छीन रही है।'
शिक्षकों की मृत्यु के बाद सरकार उनका सम्मान भी छीन रही, प्रियंका गांधी ने कहा