मन से संघ कार्यकर्ता ही हैं यूपी के राज्यपाल राम नाइक
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। राम नाइक का संघ से लंबा संबंध रहा है। वे कई बार सांसद रहे। पर, वे 2004 का लोकसभा चुनाव फिल्मी सितारे गोविंदा से हार गए थे। उसके बाद उनका राजनीतिक करियर खत्म सा होता नजर आने लगा था।
भाजपा के पूर्व सांसद नाइक को केंद्र में राजग सरकार आने के बाद इस वर्ष जुलाई में उत्तर प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था। पर, नाइक राज्यपाल बनने के बाद भी संघ के कार्यकर्ता की तरह ही रहे। अभी कथित धर्मांतरण को लेकर विवाद थमा भी नहीं था कि राम नाइक ने यह कहकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया कि ‘भारतीय नागरिकों की इच्छा' के अनुरूप बाबरी मस्जिद स्थल पर राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए।
फैजाबाद स्थित अवध विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में नाइक ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा, ‘राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिए। यह भारतीय नागरिकों की इच्छा है और यह इच्छा पूरी होनी चाहिए।'
पिछले महीने नाइक ने विहिप के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए अपने अयोध्या दौरे के दौरान कहा था कि इस जटिल मुद्दे का समाधान पांच वर्ष के भीतर हो जाएगा क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके शांतिपूर्ण समाधान के लिए एक योजना पर काम कर रहे हैं।
नाइक ने तब कहा था, ‘प्रधानमंत्री अयोध्या विवाद के शांतिपूर्ण हल के लिए एक योजना बना रहे हैं और इसका समाधान अगले पांच वषरें में हमेशा के लिए हो जाएगा।'
उत्तर प्रदेश में गुंडागर्दी
इससे पहले वृन्दावन में एक विवादित बयान दिया था। वहां पर उन्होंने कहा था की उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था ठीक नहीं है जिसके चलते सरकार को विकास के जो कार्य करने चाहिए वह केंद्र सरकार से धन मिलने के बाद भी पूरे नहीं हो पा रहे हैं जबकि गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्य मोदी फार्मूले पर काम करते हुए अपने राज्यों में कृषि विकास दर को 12 से 22 प्रतिशत तक की ऊॅंचाई पर ले जाने में कामयाब हुए हैं।
कुल मिलाकर माना जा सकता है कि राम नाइक लगातार विवादित बयान देते रहेंगे। अब यह देखने वाली बात है कि क्या कोई उनकी जुबान पर लगाम लगा सकता है।