मॉब लिंचिंग रोकने के लिए यूपी सरकार जल्द बनाएगी सख्त कानून
लखनऊ। यूपी सरकार मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त कानून लाने की तैयारी में है। आयोग के सचिव सपना त्रिपाठी की मानें तो आयोग ने भीड़ तंत्र की हिंसा को रोकने के लिए राज्य सरकार को विशेष कानून बनाने की सिफारिश की है। उन्होंने बताया कि 128 पन्नों वाली एक रिपोर्ट सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दी गई है। इस रिपोर्ट में राज्य में भीड़ तंत्र द्वारा की जाने वाले हिंसा की घटनाओं का हवाला दिया गया है।
गाजीपुर जिले के प्रभारी मंत्री बृजेश पाठक शनिवार को गाजीपुर पहुंचे। यहां एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, 'मॉब लिंचिंग के खिलाफ जल्द की कड़ा कानून लाया जाएगा। मॉब लिंचिंग में पीड़ित को हल्की चोट आने पर दोषी को सात साल की सजा, गंभीर चोट आने पर 10 साल की सजा और पीड़ित की मौत हो जाने पर दोषी को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान रखा जाएगा।'
मृतक
के
परिजनों
को
मिलेगी
पांच
लाख
रुपये
की
सहायता
उन्होंने
यह
भी
कहा
कि
मॉब
लिंचिंग
में
जान
गंवाने
वाले
व्यक्ति
के
परिजन
को
पांच
लाख
रुपये
की
सहायता
राशि
भी
दी
जाएगी।
प्रदेश
के
कानून
मंत्री
के
मुताबिक,
ऐसी
घटनाओं
में
जिले
के
पुलिस
अधीक्षक
और
जिलाधिकारी
भी
जिम्मेदार
होंगे।
आपको
बताते
चलें
कि
पिछले
कुछ
दिनों
में
मॉब
लिंचिंग
की
बढ़ती
घटनाओं
के
बाद
राज्य
विधि
आयोग
ने
प्रदेश
सरकार
को
कानून
बनाने
की
सलाह
दी
थी।
128
पन्नों
की
रिपोर्ट
सीएम
को
सौंपी
यूपी
लॉ
कमीशन
ने
मॉब
लिंचिंग
पर
लगाम
लगाने
के
लिए
विशेष
क़ानून
बनाने
की
सिफ़ारिश
की
है।
आयोग
ने
128
पन्नों
की
रिपोर्ट
मुख्यमंत्री
को
सौंप
दी
है।
जिसमें
भीड़
तंत्र
से
लोगों
को
बचाने
के
लिए
कई
तरह
के
उपाय
बताए
गए
हैं।
आयोग
का
मानना
है
कि
अभी
जो
कानून
हैं
वो
पर्याप्त
नहीं
है।
अगर
कमीशन
की
रिपोर्ट
पर
कानून
बना
तो
फिर
मॉब
लिंचिंग
में
मौत
होने
पर
दोषी
को
आजीवन
कारावास
की
सजा
मिलेगी।