यूपी में सार्वजनिक जगहों पर नहीं होगा कोई धार्मिक आयोजन, पुलिस ने लगाई रोक
लखनऊ। सार्वजनिक स्थानों पर नमाज और आरती पढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि किसी को भी सार्वजनिक स्थानों पर ऐसे किसी भी धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिससे लोगों को परेशानी हो। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों यह व्यवस्था अलीगढ़ और मेरठ में लागू की गई थी, जिसे अब पूरे प्रदेश में प्रभावी किया जाएगा। साथ ही डीजीपी ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस और कश्मीर के हालातों के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं।
स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर हाई सिक्योरिटी अलर्ट जारी करते हुए डीजीपी ओपी सिंह ने मंगलवार को प्रदेश के आइजी/डीआइजी रेंज, एसएसपी/एसपी को निर्देश दिए है कि सार्वजनिक स्थानों पर ऐसे धार्मिक आयोजन न हों, जिससे लोगों को व्यवधान हो और यातायात प्रभावित हो। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजनों को लेकर जो व्यवस्था अलीगढ़ से शुरू होकर मेरठ में अंतिम रूप में आई, उसे प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा। इसके तहत सड़क पर या अन्य किसी सार्वजनिक स्थान पर नमाज अथवा किसी और धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी। गौरतलब है कि कुछ लोगों ने इस रोक का विरोध भी किया था पर सुरक्षाबलों का प्रयोग कर नई व्यवस्था को सख्ती के साथ लागू कराया गया था।
क्या
है
अलीगढ़
और
मेरठ
मॉडल
दरअसल,
पिछले
दिनों
अलीगढ़
और
मेरठ
में
कुर्बानी
देने
और
नमाज
पढ़ने
पढ़ने
को
लेकर
रोक
लगा
दी
गई
थी।
जिसके
चलते
सड़कों
पर
न
तो
नमाज
पढ़ी
जा
सकेगी
और
न
ही
आरती
या
फिर
हनुमान
चालीसा
का
पाठ
किया
जा
सकेगा।
इस
संबंध
में
अलीगढ़
के
जिला
मजिस्ट्रेट
सीबी
सिंह
ने
कहा
कि
अब
जिले
की
सड़कों
पर
बिना
इजाजत
के
किसी
भी
प्रकार
का
धार्मिक
आयोजन
नहीं
किया
जा
सकेगा।
उन्होंने
कहा
कि
मैंने
ऐसे
लोगों
से
बात
की
है,
जो
इस
प्रकार
के
आयोजन
करते
आए
हैं
और
उन्हें
स्थिति
से
भी
अवगत
करवाया
है।
इस
प्रकार
के
आयोजनों
से
कानून
व्यवस्था
पर
असर
पड़
सकता
है।
खास
कर
उन
इलाकों
में
जो
संवेदनशील
हैं।
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