'हिंदू धर्म का मर्म भूल चुके हैं अखिलेश यादव', मूर्तियों पर दिए बयान पर डिप्टी CM केशव मौर्य का ट्वीट
लखनऊ, 19 मई: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद व मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि केस को लेकर जारी विवाद के बीच 'मूतिर्यों' को लेकर दिए गए बयान पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव चौतरफा घिर गए हैं। अखिलेश यादव के बयान, 'कहीं भी पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख दो, लाल झंडा रख दो, मंदिर बन गया' पर हिंदू संगठनों के साथ-साथ बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई है। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस बयान को लेकर अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला है।

सनातन हिंदू धर्म का मर्म भूल चुके हैं अखिलेश यादव : केपी मौर्य
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा, ''कथित तुष्टीकारण की राजनीति में सराबोर अखिलेश यादव जी सनातन हिंदू धर्म का मर्म भूल चुके हैं। इसलिए हिंदू धर्म के प्रति उनकी अनास्था कोई नई बात नहीं है।'' इससे पहले भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि अखिलेश यादव ने विवादित बातें कह कर हिंदू आस्था का मखौल उड़ाया है। पूनावाला ने कहा, यह वही अखिलेश यादव हैं, जिनकी राजनीति निर्दोष रामभक्तों पर गोलियां चलवाने वाली पार्टी पर आधारित है। अखिलेश ने हिंदू साधु संतों को चिलमची भी कहा था। भाजपा नेता ने कहा कि अखिलेश की विचारधारा कांग्रेस से मेल खाती है, जिसने भगवान राम का अस्तित्व मानने से ही इनकार कर दिया था।
अखिलेश ने कहा था - कहीं भी पत्थर रख दो, झंडा लगा दो और मंदिर बन गया
बता दें, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अयोध्या में हिंदू देवी-देवताओं को लेकर बयान दिया था। ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर 1991 में संसद द्वारा पारित कानून का हवाला देते और सर्वे रिपोर्ट लीक होने पर सवाल उठाते हुए अखिलेश ने कहा था कि हमारे हिंदू धर्म में कहीं भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो पीपल के पेड़ के नीचे और मंदिर बन गया। अखिलेश ने ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे को लेकर कहा कि एक समय ऐसा था कि रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी गई थी। भाजपा कुछ भी कर सकती है। कुछ भी करा सकती है। सपा प्रमुख ने आगे कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद कोर्ट का मामला है। सबसे बड़ी बात है कि जिसकी जिम्मेदारी थी सर्वे करने की, आखिरकार वह रिपोर्ट बाहर कैसे आ गई।