राशन और भोजन के लिए किसी को नहीं दिखाना होगा कोई पहचान पत्र: सीएम योगी
लखनऊ। कोरोना वारयस के बढ़ते संक्रमण और लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ काफी एक्टिव नजर आ रहे है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रदेश के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोगों की भोजन और राशन की समस्या पर उत्पन्न न हो। इस दौरान टीम इलेवन की बैठक में निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि कम्युनिटी किचन से ज़रूरतमंदों और शेल्टर होम्स के निराश्रितों में पहले की तरह ही बेहतर ढंग से सबको भोजन मिलता रहे, यह सुनिश्चित होता रहे कि प्रदेश में न तो कोई भूखा रहे न भूखा सोए।
बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कहा, 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी व्यक्ति के पास राशन कार्ड है या नहीं, आधार कार्ड है या नहीं, अगर व्यक्ति जरूरतमंद है तो उसे आवश्यक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए जाएंगे। यहां तक कि अगर व्यक्ति एक प्रवासी है तो उसे भोजन और राशन उपलब्ध कराया जाएगा।' इस दौरान उन्होंने कहा कि आपदा के समय में जो जरूरतमंद किसी भी अनाज योजना का लाभ नहीं ले रहे हैं, उन्हें अनाज के साथ ही 1000 रुपए भरण-पोषण भत्ता दिया जाए। लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन कराया जाए। नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री योगी गुरुवार को लोकभवन में आयोजित बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित कराया जाए कि जनता को आवश्यक सामग्री आसानी से उपलब्ध हो। होम डिलीवरी की व्यवस्था को तेज किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सप्लाई चेन बनी रहे। उन्होंने कहा कि हॉटस्पॉट क्षेत्रों को पूरी तरह से सील कर आवागमन को पूरी सख्ती से प्रतिबंधित किया जाए।
हमलावरों
पर
एनएसए
लगा
नुकसान
की
वसूली
करें
सीएम
ने
कहा
है
कि
पुलिस,
स्वास्थ्य
व
स्वच्छता
कर्मियों
पर
यदि
कोई
हमला
करे
तो
दोषी
के
विरुद्ध
आपदा
प्रबंधन
अधिनियम,
राष्ट्रीय
सुरक्षा
अधिनियम
(एनएसए)
और
आईपीसी
की
अन्य
सुसंगत
धाराओं
के
तहत
कठोर
कार्रवाई
की
जाए।
तोड़-फोड़
करने
वालों
से
ही
नुकसान
की
भरपाई
कराई
जाए।
ऐसा
न
करने
पर
उनकी
संपत्ति
जब्त
कर
ली
जाए।
उन्होंने
कहा
कि
हेल्थ
टीम
के
साथ
पुलिस
भी
जाए।
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