सीएम योगी ने वर्चुअली बांटे सहायक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र, कहा- नियुक्तियों में गड़बड़ी करने वालों का सिर्फ एक ही ठिकाना 'जेल'
लखनऊ। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा विभाग में नव चयनित 3317 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र वितरण की शुरूआत 23 अक्टूबर से कर दी है। इस दौरान सीएम योगी ने पांच अभ्यार्थियों को खुद नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस दौरान उन्होंने वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में नौकरी का एकमात्र मानक मेरिट है। पूरी पारदर्शिता के साथ योग्य उम्मीदवार को ही नौकरी मिलेगी। बावजूद इसके नियुक्तियों में भ्रष्टाचार हुआ तो दोषियों को एक मात्र ठिकाना होगा जेल।
सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि याद कीजिए कि साढ़े तीन साल पहले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की शोहरत किस वजह से थी। वहीं उसके उलट आयोग अब नियुक्तियों में पारदर्शिता के लिए जाना जाता है। लाखों अभ्यर्थियों में से आप लोगों का चयन इसका प्रमाण है। मेरिट के आधार पर ही साढ़े तीन साल में करीब 3.50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है, इतनी ही नौकरी आने वाले समय में देने जा रहे हैं। इस दौरान सीएम ने लखनऊ की कीर्ति वर्मा, बाराबंकी की ज्योति शर्मा व अखलाख, अयोध्या की सुमित्रा देवी और प्रयागराज के संदीप कुमार सिंह को नियुक्ति पत्र सौंपा। तो वहीं, जिलों में स्थानीय सांसद और विधायकों ने नियुक्ति पत्र वितरित किए।
यह
तकनीक
का
युग
है:
सीएम
योगी
सीएम
योगी
ने
नवनियुक्त
शिक्षकों
से
कहा
कि
मौजूदा
युग
तकनीक
का
है।
खुद
भी
तकनीकी
रूप
से
अपडेट
रहें
और
बच्चों
को
भी
करें।
तकनीक
ही
पारदर्शिता
की
कुंजी
है।
अगर
तकनीक
नहीं
होती
तो
हम
कोरोना
वायरस
महामारी
की
इस
अभूतपूर्व
संकट
में
जरूरतमंदों
को
पेंशन,
भरण-पोषण
भत्ता
और
किसान
सम्मान
निधि
के
रूप
में
एक
क्लिक
पर
लाभ
नहीं
पहुचा
पाते।
3.5
लाख
युवाओं
की
दी
है
सरकार
नौकरी:
सीएम
योगी
उन्होंने
कहा
कि
तकनीक
की
वजह
से
ही
हम
कोरोना
के
इस
दौर
में
ऑनलाइन
प्रक्रिया
से
पठन-पाठन
की
प्रक्रिया
सुचारू
रूप
से
जारी
रख
सके।
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
युवा
हमारी
पूंजी
हैं,
जो
जिस
लायक
है
उसकी
मेरिट
का
सम्मान
करते
हुए
वह
जगह
मिल
रही
है।
उन्होंने
कहा
कि
मेरिट
के
आधार
पर
ही
हमने
अब
तक
करीब
3.5
लाख
युवाओं
को
सरकारी
नौकरी
दी
है।
इतनी
ही
नौकरी
देने
जा
रहे
हैं,
शुरुआत
हो
चुकी
है।