यूपी उपचुनाव: 8 विधानसभा सीटों पर इलेक्शन के लिए 29 सितंबर को होगी तारीखों की घोषणा
लखनऊ। भारत निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार, 25 सितंबर को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। हालांकि, इससे पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि चुनाव आयोग बिहार चुनाव के साथ ही यूपी उपचुनाव की तारीखों की भी घोषणा कर सकता है। लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने स्पष्ट किया है कि 29 सितंबर की शाम को जिन राज्यों में उपचुनाव होने हैं, उनकी तारीखें बता दी जाएंगी।
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चुनाव आयुक्त ने बताया कि 3 से 4 राज्यों की तरफ से उपचुनाव के आयोजन को लेकर कुछ रिजर्वेशंस किया गया है, इस पर बैठक के बाद 29 सितंबर की शाम को तारीखों की घोषणा की जाएगी। बता दें उत्तर प्रदेश की 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 2017 के चुनाव के नतीजों के मुताबिक, 6 भाजपा के पास जबकि 2 सपा के पास थीं।
यूपी की जिन 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनके लिए जिला प्रशासन ने भी तैयारी शुरू कर दी है। इस उपचुनाव को 2022 विधानसभा चुनाव के लिहाज से खासा अहम माना जा रहा है। साथ ही कोरोना संक्रमण के चलते इस बार के चुनाव अलग तरीके से होंगे। जिन आठ सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें दो सीटें समाजवादी पार्टी के पास हैं। ये दो सीटें जौनपुर की मल्हनी और रामपुर की स्वार सीट हैं। बाकी छह सीटें बीजेपी के पास है। इनमें से दो सीटें प्रदेश सरकार के मंत्रियों के निधन से खाली हुई हैं।
कौन-कौन
सी
आठ
सीटें
हैं?
जिन
पर
होना
है
उपचुनाव
1-
मल्हनी,
जौनपुर
-
जौनपुर
की
ये
सीट
बहुत
अहम
है।
2017
के
विधानसभा
चुनाव
में
ये
सीट
सपा
ने
जीती
थी।
पारसनाथ
यादव
यहां
से
विधायक
थे।
इनके
निधन
के
कारण
ये
सीट
खाली
हुई
है।
इस
सीट
पर
उनके
बेटे
लकी
यादव
के
चुनाव
लड़ने
की
प्रबल
संभावना
है।
यादव
और
ठाकुर
बाहुल्य
इस
सीट
पर
एक
बड़ा
फैक्टर
बाहुबली
धनंजय
सिंह
भी
हैं।
2- बांगरमऊ, उन्नाव- रेप कांड में दोषी साबित कुलदीप सिंह सेंगर की सदस्यता जाने के कारण ये सीट खाली हुई है। भाजपा के कुलदीप सिंह सेंगर 2017 के चुनाव में यहां से विधायक चुने गए थे।
3- देवरिया- भाजपा के विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के कारण ये सीट खाली हुई है।
4- स्वार, रामपुर- कम उम्र साबित होने के कारण आजम खान के बेटे अबदुल्ला आजम की सदस्यता खत्म कर दी गई थी। इसी वजह से स्वार की सीट खाली हो गई है। इस पर अब चुनाव होंगे।
5- टूण्डला, फिरोजाबाद- एसपी सिंह बघेल के भाजपा से सांसद बनने के बाद से ये सीट खाली चल रही है। पिछले साल हुए उपचुनाव में इस सीट पर चुनाव नहीं कराए जा सके थे क्योंकि मामला कोर्ट में चला गया था। अब यहां चुनाव होंगे।
6- बुलंदशहर- 2017 के चुनाव में यहां से भाजपा के वीरेंद्र सिंह सिरोही विधायक चुने गये थे। उनके निधन के कारण ये सीट खाली हुई है। इस पर अब चुनाव होना है। बता दें, इस सीट पर उनके बेटे के चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना है।
7- घाटमपुर, कानपुर- योगी सरकार में मंत्री कमलरानी वरूण के निधन से ये सीट खाली हुई है। कोरोना संक्रमण के चलते मंत्री कमलरानी वरूण का निधन हुआ था।
8- नौंगाव सादात, अमरोहा - 2017 के चुनाव में चेतन चौहान भाजपा से विधायक चुने गये थे। योगी सरकार के दूसरे मंत्री जिनका कोरोना से निधन हुआ। मंत्री चेतन चौहान के भी निधन से सीट खाली हुई है।