ऑपरेशन 420: सीएम योगी के ओएसडी बनकर ठगी और जालसाजी करने वाले दो गिरफ्तार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जालसाजों का मकड़जाल फैला हुआ है। जालसाज आए दिन कभी मुख्यमंत्री का ओएसडी बताकर रकम ऐंठ रहे हैं तो कहीं पीएमओ का बताकर जालसाजी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस की सख्त कार्रवाई के बाद भी रोज ऐसे ही जालसाजी के नए मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला राजधानी लखनऊ का है। यहां मुख्यमंत्री का ओएसडी बनकर जिले के बाहर तैनात अधिकारियों पर रौब गांठकर अधिकारियों पर दबाव बनाकर अनावश्यक काम कराने के आरोप में गौतमपल्ली पुलिस ने सर्विलांस सेल की टीम के साथ मिलकर दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है।
दोनों जालसाज दबोचे गए
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने जालसाजी के मामलों का खुलासा करते हुए बताया कि जालसाजों के खिलाफ चलाये जा रहे 'ऑपरेशन-420' अभियान के तहत सर्विलांस सेल व थाना गौतमपल्ली पुलिस द्वारा शासन व प्रशासन के विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों एवं विशेष कार्यधिकारी उत्तर भारत के नाम से जालसाजी करने वाले गिरोह के 2 शातिर बड़े जालसाज आलोक दुबे पुत्र अरुण कुमार दुबे, दुर्गेश प्रताप सिंह उर्फ रुसू पुत्र अरुण कुमार सिंह को कैबिनेटगंज रेलवे क्रॉसिंग से धर दबोचा गया।
जालसाजों के कब्जे से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद
गिरफ्तार किए गए जालसाजों के कब्जे से 6 मोबाइल फोन, 5 सिम कार्ड, तीन उत्तर प्रदेश शासन के फर्जी परिचय पत्र, 3 विजिटिंग कार्ड, 23 सेट नौकरी दिलाने विषयक शैक्षिक प्रमाण पत्र, 9 सेट स्थानांतरण रुकवाने व करवाने विषयक आवेदन पत्र, 9 सेट सांसद/मंत्रीगण/ उत्तर प्रदेश शासन के लेटर पैड, दो सादा स्टांप पेपर, एक वर्क चेक बुक/रसीदें, पुराने 500 रुपये के 164 नोट, 1000 रुपये के 76 नोट कुल एक लाख 58000 रुपए नगद बरामद हुए हैं।
कई जिलों के अधिकारियों से करवा चुके हैं कई अवैध काम
एसएसपी ने बताया कि आरोपी सीएम की छवि को धूमिल कर रहे थे। उनके ओएसडी के नाम पर अधिकारियों को फोन करके अवैध रूप से फोन करके दबाव बनाकर अनावश्यक काम करवा रहे थे। आरोपी इतने शातिर थे कि सरकारी नंबरों की सीरीज वाले नंबर का प्रयोग कर व्हॉट्सएप्प की डीपी में उत्तर प्रदेश शासन की फोटो लगाए थे। इन्हीं नंबरों से वह विभागों के अधिकारियों को सिफारिशी फोन करते थे और ट्रांसफर पोस्टिंग करवाने के नाम पर जालसाजी कर रहे थे। दोनों जालसाज डीएम बांदा के साथ सीडीओ जौनपुर समेत तमाम अफसरों पर दबाव बनाने के लिए ओएसडी के नाम पर फोन करते थे। यह दोनों जालसाज अफसरों पर ठेका दिलाने से लेकर ट्रांसफर पोस्टिंग का दबाव बनाते थे। जालसाज दुर्गेश व आलोक बहुत से अफसरों को ओएसडी के नाम पर कॉल कर चुके हैं। किन-किन अफसरों से इन्होंने दबाव बनाया है इसकी पुलिस पड़ताल कर रही है। दोनों मुख्यमंत्री और उनके सचिवों के नाम पर फर्जी पत्र जारी करने का भी काम करते थे। फर्जी पत्र जारी कर वह लोगों से वसूली भी करते थे।