उत्तर प्रदेश के रोजेदारों के लिये ज्यादा कठिन होगा इस बार का रमजान
इस रमजान उत्तर प्रदेश में कमाल जैसे लाखों मुसलमानों के हलख ऐसे ही सूखेंगे। सुबह शरिया का वक्त हो या फिर शाम को रोजा इफ्तार हर चीज की गारंटी होगी बस बिजली की नहीं, क्योंकि पूरा उत्तर प्रदेश मेगावॉट 2500 मेगावॉट की कमी झेल रहा है। कमाल यह भी बता रहे हैं कि आज से रमजान की शुरुआत हो गई है और बिजली न हाेने से घरों में पानी का संकट भी व्याप्त है।
बिजली
आपूर्ति
के
लिए
डीएम
ने
लिखा
पत्र:
उत्तर
प्रदेश
पावर
कारपोरेशन
के
अध्यक्ष
काे
लिखे
पत्र
में
डीएम
ने
लिखा
है
कि
जिला
मुख्यालय
सहित
पूरे
जिले
में
बिजली
संकट
बड़ी
समस्या
बन
रहा
है।
बिजली
न
आने
के
कारण
जलापूर्ति
में
जल
संस्थान
को
भी
भारी
मुश्किल
हो
रही
है।
डीएम
ने
लिखा
है
कि
रमजान
के
दौरान
मुसलमान
सुबह
तीन
बजे
से
सहरी
करने
लगते
है
तो
मस्जिदों
में
तराबीह
की
नमाज
देर
रात
तक
पढ़ी
जाती
है।
लिहाजा
बिजली
की
पूरी
रात
जरूरत
होगी।
बिजली
न
आने
से
पेयजल
की
समस्या
संकट
पैदा
कर
रही
है
जिससे
जनपद
में
कानून
व्यवस्था
की
समस्या
पैदा
हो
सकती
है।
इसलिए
कटौती
बंद
कर
विद्युत
आपूर्ति
बढ़ाई
जाए।
कुछ
ऐसा
है
यूपी
में
बिजली
का
संकट:
उत्तर
प्रदेश
के
अगर
कुछ
वीवीआईपी
जिलों
को
छोड़
दिया
जाए
तो
सूबे
का
हर
एक
जिला
बिजली
संकट
की
चपेट
में
है।
उत्तर
प्रदेश
पावर
कारपोरेशन
के
पूर्व
चीफ
इंजीनियर
शैलेंद्र
दुबे
ने
बताया
है
कि
यूपी
सरकार
की
गलत
नीतियों
के
कारण
इस
तरह
का
बिजली
संकट
व्याप्त
हुआ
है।
उन्होंने
यह
भी
बताया
कि
यूपी
सरकार
के
लाख
दावों
के
बाद
भी
रमजान
की
शुरुआत
बिजली
संकट
के
साथ
ही
शुरु
हुई।
आंकड़े
बताते
हैं
कि
वर्तमान
में
यूपी
के
अंदर
12000-12500
मेगावाट
बिजली
की
डिमांड
है
जबकि
आपूर्ति
सिर्फ
9500-10,000
मेगावाट
की
ही
हो
रही
है।
ऐसे
में
2500
मेगावाट
का
संकट
यूपी
के
लोगों
को
काफी
रुला
रहा
है।
नहीं चेते तो और बुरा होगा हाल:
शैलेंद्र दुबे का कहना है कि अगर यूपी सरकार और उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने वक्त रहते हुए बिजली संकट पर कोई बड़ा फैसला नहीं लिया तो हालात बद से बदतर हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि तापमान का पारा बढ़ता ही जा रहा है और मानसून भी देर से ही दस्तक देने के संकेत दे रहा है। रमजान की शुरुआत हो गई है और पूरे सूबे में बिजली की डिमांड पहले से ज्यादा हो गई है। ऐसे में अगर बिजली की मांग को पूरा नहीं किया गया तो प्रदर्शन का दौर तेज हो सकता है।