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उत्तर प्रदेश के रोजेदारों के लिये ज्यादा कठिन होगा इस बार का रमजान

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ramzan power crisis
लखनऊ। मछली महौल के रहने वाले कमाल हैदर सुबह 7 बजे अपनी दुकान पर पहुंच जाते हैं। लगभग हर रोज उनके पहुंचने से पहले ही ग्राहक बाहर इंतजार करते मिलते हैं। किसी को दाढ़ी बनवानी तो किसी को बाल कटवाने, ग्राहकों के लिये तो महज 20 से 25 मिनट तक की गर्मी लेकिन कमाल के लिये पूरा दिन। यह गर्मी रमजान के दिनों में तब और मुश्क‍िल भरी हो जाती है, क्योंकि कमाल पूरे 30 दिन का रोजा रखते हैं। हलख सूखनने लगता है, क्योंकि पानी नहीं पी सकते, शरीर का रहा-सहा पानी पसीने के रूप में निकल जाता है, क्योंकि मुख्यमंत्री अख‍िलेश यादव कमाल के घर और दुकान पर पर्याप्त बिजली देने में नाकाम हैं।

इस रमजान उत्तर प्रदेश में कमाल जैसे लाखों मुसलमानों के हलख ऐसे ही सूखेंगे। सुबह शरिया का वक्त हो या फिर शाम को रोजा इफ्तार हर चीज की गारंटी होगी बस बिजली की नहीं, क्योंकि पूरा उत्तर प्रदेश मेगावॉट 2500 मेगावॉट की कमी झेल रहा है। कमाल यह भी बता रहे हैं कि आज से रमजान की शुरुआत हो गई है और बिजली न हाेने से घरों में पानी का संकट भी व्‍याप्‍त है।

बिजली आपूर्ति के लिए डीएम ने लिखा पत्र:
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष काे लिखे पत्र में डीएम ने लिखा है कि जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले में बिजली संकट बड़ी समस्या बन रहा है। बिजली न आने के कारण जलापूर्ति में जल संस्थान को भी भारी मुश्किल हो रही है। डीएम ने लिखा है कि रमजान के दौरान मुसलमान सुबह तीन बजे से सहरी करने लगते है तो मस्जिदों में तराबीह की नमाज देर रात तक पढ़ी जाती है। लिहाजा बिजली की पूरी रात जरूरत होगी। बिजली न आने से पेयजल की समस्या संकट पैदा कर रही है जिससे जनपद में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए कटौती बंद कर विद्युत आपूर्ति बढ़ाई जाए।

कुछ ऐसा है यूपी में बिजली का संकट:
उत्‍तर प्रदेश के अगर कुछ वीवीआईपी जिलों को छोड़ दिया जाए तो सूबे का हर एक जिला बिजली संकट की चपेट में है। उत्‍तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के पूर्व चीफ इंजीनियर शैलेंद्र दुबे ने बताया है कि यूपी सरकार की गलत नीतियों के कारण इस तरह का बिजली संकट व्‍याप्‍त हुआ है। उन्‍होंने यह भी बताया कि यूपी सरकार के लाख दावों के बाद भी रमजान की शुरुआत बिजली संकट के साथ ही शुरु हुई। आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान में यूपी के अंदर 12000-12500 मेगावाट बिजली की डिमांड है जबकि आपूर्ति सिर्फ 9500-10,000 मेगावाट की ही हो रही है। ऐसे में 2500 मेगावाट का संकट यूपी के लोगों को काफी रुला रहा है।

नहीं चेते तो और बुरा होगा हाल:

शैलेंद्र दुबे का कहना है कि अगर यूपी सरकार और उत्‍तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने वक्‍त रहते हुए बिजली संकट पर कोई बड़ा फैसला नहीं लिया तो हालात बद से बदतर हो सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि तापमान का पारा बढ़ता ही जा रहा है और मानसून भी देर से ही दस्‍तक देने के संकेत दे रहा है। रमजान की शुरुआत हो गई है और पूरे सूबे में बिजली की डिमांड पहले से ज्‍यादा हो गई है। ऐसे में अगर बिजली की मांग को पूरा नहीं किया गया तो प्रदर्शन का दौर तेज हो सकता है।

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English summary
Here Ramzan fasting goes more tough for Uttar Pradesh muslims just because of Power crisis. UP government is fail to provide 24 hour power supply.
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