भाजपा के दस और एक निर्दलीय प्रत्याशी ने किया नामांकन, यूपी का विधान परिषद चुनाव हुआ रोचक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 12 सीटों पर चुनाव के लिए नामांकन के अंतिम दिन भारतीय जनता पार्टी के दस प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, पूर्व आईएएस अफसर अरविंद शर्मा, लक्ष्मण आचार्य, कुंवर मानवेंद्र सिंह, भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला, अश्विनी त्यागी, सलिल विश्नोई, धर्मवीर प्रजापति और सुरेंद्र चौधरी ने विधान पार्षद सीट के लिए नामांकन किया है। समाजवादी पार्टी के दो प्रत्याशी अहमद हसन और राजेंद्र चौधरी भी नामांकन कर चुके हैं।
भाजपा के दस प्रत्याशियों के नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पार्टी के कई बड़े पदाधिकारी व कार्यकर्ता चुनाव कार्यालय में मौजूद रहे। भाजपा के प्रत्याशियों में से एक अरविंद शर्मा गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं और वहां तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के सचिव रहे थे। उनके बारे में प्रदेश अध्यक्ष और प्रत्याशी स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि उन्होंने भाजपा कार्यकर्ता के तौर पर नामांकन किया है, उनकी भूमिका क्या होगी, इसे बाद में तय किया जाएगा।
भाजपा के दस और सपा के दो प्रत्याशियों के अलावा एक और प्रत्याशी ने नामांकन किया। कानपुर के महेश चंद्र शर्मा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधान परिषद चुनाव में नामांकन कराया है। इस तरह से कुल 13 प्रत्याशियों के चुनावी मैदान में होने से मामला रोचक हो गया है। भाजपा ने दावा किया है कि उसके सभी दस प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित है।
विधान परिषद की 12 सीटों पर चुनाव के लिए दाखिल हुए नामांकन पत्रों की जांच 19 जनवरी को होगी। उम्मीदवार अपना नाम 21 जनवरी तक वापस ले सकेंगे। 28 जनवरी को मतदान होगा। विधान परिषद में फिलहाल सपा का बहुमत है। 100 सीटों में से 55 सीट सपा के पास हैं। जिन 12 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उनमें से छह सीटें सपा के पास हैं। देखना होगा कि इस बार के चुनाव में सपा का बहुमत रह जाता है या नहीं? अगर सपा के दो प्रत्याशी जीतते हैं तो भी उसके हाथ से चार सीटें निकल जाएंगी लेकिन उस हालत में 51 सीटों के साथ बहुमत बरकरार रहेगा।
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