जबरन धर्मांतरण या धोखा देकर शादी करने वालों को होगी 5 साल तक की जेल, सरकार कानून ला रही
लखनऊ. जबरन मजहब बदलवाकर (जबरन धर्मांतरण) या धोखा देकर शादी कर लेने वाले लोगों के लिए अब सख्त सजा का प्रावधान बनाया गया है। उत्तर प्रदेश विधि आयोग ने कहा है कि ऐसी शादियां गैरकानूनी होंगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए आयोग ने 'उत्तर प्रदेश फ्रीडम आफ रिलीजन एक्ट 2019' का मसौदा तैयार किया है, जिसमें जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन कराने पर सख्त कानून बनाने और कड़ी सजा की सिफारिश की गई है। विधि आयोग के अघ्यक्ष ए. एन. मित्तल और सचिव सपना त्रिपाठी ने गुरुवार को इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंपी।

जबरन धर्मांतरण पर पांच साल तक की सजा का प्रावधान
संवाददाता के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जो रिपोर्ट दी गई है, उसमें कानून के नए प्रावधानों का जिक्र है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जबरन धर्मांतरण कराने पर कम से कम एक साल और अधिकतम पांच साल की सजा हो। माना जा रहा है कि सरकार मसौदे पर विधिक राय लेकर इसे विधानसभा के अगले सत्र में विधेयक के रूप में लाएगी।
दोषी को जेल होगी, शादी भी रद्द करा दी जाएगी
मसौदे में जबरन धर्मांतरण पर कड़ी सजा का प्रावधान तो है ही, साथ ही धर्मांतरण करा कर हुई शादी को रद्द करने की भी सिफारिश की गई है। असल में मुख्यमंत्री ने दिसंबर 2017 में आयोग से कहा था कि जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कानूनी प्रावधान तय करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट दी जाए। भाजपा धर्मांतरण को लेकर चुनावी मुद्दा बनाती रही है। ऐसे में अब सरकार जल्द ही इस पर कानून पास करा सकती है।
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