नोटबंदी से है 'खजांची' का कनेक्शन, इस बच्चे की मुरीद समाजवादी पार्टी हर साल मनाती है जश्न
लखनऊ। देश में नोटबंदी को आज तीन साल पूरे हो गए हैं। 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक 500 और 1000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी। नोटबंदी के बाद देश में अफरातफरी का माहौल रहा और बैंकों के बाहर लंबी कतारें लगी रहीं। इस दौरान उत्तर प्रदेश के कानपुर में कुछ ऐसा हुआ, जिसका जश्न समाजवादी पार्टी हर साल मनाती है।
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क्या है मामला
दरअसल, तीन साल पहले कानपुर में नोटबंदी के दौरान एक महिला नोट बदलने के लिए पीएमबी बैंक की लाइन लगाई थी। इसी दौरान उसे एक बेटा पैदा हुआ था, जिसका नाम यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खजांची रखा था। अब वह बच्चा गुरुवार को तीन साल का पूरा हो जाएगा। आपकों बता दें कि अखिलेश हर साल उसका जन्मदिन भी मनाते हैं। पिछले साल ही अखिलेश ने खजांची के दूसरे जन्मदिवस पर उसे घर गिफ्ट में दिया। इस बार लखनऊ में सपा के दफ्तर में खजांची का जन्मदिन मनाया जाएगा।
खजांची नाथ देश में बना चर्चा का विषय
आपको बता दें कि झींझक ब्लॉक क्षेत्र की नि:शक्त सर्वेशा लोहिया आवास की प्रथम किस्त 20 हजार रुपए उठाने के लिए सर्वेषा अपनी सास शशि देवी के साथ 2 दिसंबर 2016 को झींझक कस्बा स्थित पंजाब नेशनल बैंक में आई थी। बैंक में भीड़ होने के चलते वह लाइन में खड़ी रही। करीब 4 घंटे तक कतार में खड़े रहने के बाद उसने वहीं पर एक बच्चे को जन्म दिया था। जिसके बाद आनन-फानन में बैंक शाखा प्रबंधक एसके चौधरी की सूचना पर पुलिस ने उसे घर पहुंचाया। उसका जन्म बैंक में होने के कारण उसका नाम खजांची नाथ रखा गया, जो पूरे देश में चर्चा का विषय रहा।
दूसरे जन्मदिवस ने अखिलेश किया था मकान गिफ्ट
खजांची के पैतृक गांव सरदार पुरवा पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खजांची के दूसरे जन्मदिन के अवसर पर उसे उपहार में मकान दिया था। इस घर के बारे में खास बात यह है कि लोहे और कंक्रीट से बना यह आवास गांव में नहीं बना बल्कि दिल्ली से लाकर यहां फिट किया गया है। बता दें कि खजांची का पैतृक गांव सरदार पुरवा है लेकिन खजांची की मां सर्वेषा देवी ससुराल वालों से तंग आकर अपने मायके अनंतपुर गांव में खजांची के साथ कई माह से झोपड़ी में गुजारा कर रही थी। इसलिए अखिलेश ने एक घर खजांची के पैतृव गांव और दूसरा घर उनके ननिहाल अनंतपुर भेजा।