प्रियंका के बयान पर योगी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का पलटवार, कही यह बात
लखनऊ। 53 दिनों से जारी लॉकडाउन में काम-धंधे बंद हो गए है, जिसके चलते प्रवासी मजदूरों के सामने विषम हालात हैं। ऐसे में उनके पास घर लौटने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा। प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को चिट्ठी लिखकर 1000 बसों की मांग की थी। जिसपर मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पलटवार किया है।
यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, 'कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का एक हजार बसें भेजना का सुझाव अप्रासंगिक है। उन्हें यह बात समझाना चाहिए कि प्रवासी उत्तर प्रदेश से बाहर नहीं जा रहे हैं बल्कि अन्य राज्यों से यहां आ रहे हैं। ऐसे में उन्हें जहां से मजदूर आ रहे हैं, वहां बस भेजना चाहिए। उन्होंने कहा कि ज्यादातर प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र और पंजाब जैसे कांग्रेस शासित राज्यों से आ रहे हैं। उन्हें (प्रियंका गांधी) ये बसें उन राज्यों में भेजना चाहिए। सिंह ने कहा कि वे इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर के वहां से मजदूरों को बस से उत्तर प्रदेश भेजें।
इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, 'यूपी के हर बॉर्डर पर बहुत मजदूर मौजूद हैं। वो धूप में पैदल चल रहे हैं, आज वो घंटों खड़े रखे जा रहे हैं। उन्हें अंदर आने नहीं दिया जा रहा। उनके पास पिछले 50 दिनों से कोई काम नहीं है। जीविका ठप पड़ी है। हम जो भी योजनाएं बना रहे हैं उनमें उनके लिए कुछ सोचा ही नहीं जा रहा। मजदूरों को घर भिजवाने के लिए कोरी घोषणाएं और ओछी राजनीति से काम नहीं चलेगा। ज्यादा ट्रेनें चलाइए, बसें चलाइए। हमने 1000 बसों की परमिशन मांगी है हमें सेवा करने दीजिए।
चिट्ठी
लिख
1000
बसें
चलाने
की
मांगी
थी
अनुमति
सड़क
हादसों
की
बढ़ती
घटनाओं
को
देखते
हुए
कांग्रेस
महासचिवा
प्रियंका
गांधी
इससे
पहले
उत्तर
प्रदेश
के
सीएम
योगी
आदित्यनाथ
को
एक
पत्र
यूपी
में
एक
हजार
बसों
के
संचालन
की
अनुमति
मांगी
है।
पत्र
में
प्रियंका
ने
लिखा,
'लाखों
की
संख्या
में
उत्तर
प्रदेश
के
मजदूर
देश
के
कोने-कोने
से
पलायन
कर
वापस
लौट
रहे
हैं।
लगातार
सरकार
द्वारा
की
गई
घोषणाओं
के
बावजूद
पैदल
आ
रहे
इन
मजदूरों
को
सुरक्षित
उनके
घरों
तक
पहुंचाने
की
कोई
व्यवस्था
नहीं
हो
पाई
है।
कांग्रेस
वहन
करेगी
पूरा
खर्चा
प्रदेश
में
अब
तक
करीब
65
मजदूरों
की
अलग-अलग
सड़क
दुर्घटनाओं
में
मौत
हो
चुकी
है
जोकि
सूबे
में
कोरोना
महामारी
से
मरने
वालों
की
संख्या
से
भी
अधिक
है।
पलायन
करते
हुए
बेसहारा
प्रवासी
श्रमिकों
के
प्रति
कांग्रेस
पार्टी
अपनी
जिम्मेदारी
निभाते
हुए
500
बसें
गाजीपुर
बॉर्डर
और
500
बसें
नोएडा
बॉर्डर
से
चलाना
चाहती
है।
इसका
पूरा
खर्चा
भारतीय
राष्ट्रीय
कांग्रेस
वहन
करेगी।