होर्डिंग्स हटाने के हाई कोर्ट के फैसले पर बोले सीएम के मीडिया सलाहकार, कई विकल्प हैं
लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान हिंसा और तोड़फोड़ करने वालों का सार्वजनिक स्थल पर पोस्टर लगा दिया गया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को यूपी सरकार को सभी सार्वजनिक जगहों पर लगाए गए पोस्टर्स और होर्डिंग्स हटाने का आदेश दिया है। इस मामले में सीएम के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी का कहना है, ''इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश की जांच कर रहे हैं, इस मामले में सीएम योगी फैसला लेंगे, लेकिन ये बात तो तय है कि सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा जाएगा।''
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा, ''हम इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले की जांच कर रहे हैं, इस बात की जांच की जाएगी कि कोर्ट ने किस आधार पर पोस्टर्स हटाने का आदेश दिया है। हमारे एक्सपर्ट मामले की जांच कर रहे हैं। सीएम मामले में निर्णय लेंगे।'' उन्होंने कहा, ये बात भी सही है कि कोर्ट सबसे ऊपर है, लेकिन कई विकल्प हैं। सरकार तय करेगी कि क्या विकल्प अपनाया जाए।
बता दें, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसा के बाद उपद्रवियों की होर्डिंग्स लगाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ के डीएम और पुलिस कमिश्नर को इन होर्डिंग्स को तत्काल हटाने के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट ने हिंसा के दौरान नामजद लोगों के नाम, पते और फोटो को भी सार्वजनिक न करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने 16 मार्च तक अनुपालन रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 16 मार्च को होगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया लखनऊ हिंसा के आरोपियों के पोस्टर हटाने का आदेश