लखनऊ न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम ने दायर की दूसरी दया याचिका

शबनम अली जिसे साल 2008 में एक बच्चे सहित उसके परिवार के सात सदस्यों को मारने के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी, ने सजा को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और राष्ट्रपतिके समक्ष दूसरी दया याचिका दायर की है।

Google Oneindia News

लखनऊ। शबनम अली जिसे साल 2008 में एक बच्चे सहित उसके परिवार के सात सदस्यों को मारने के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी, ने सजा को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दूसरी दया याचिका दायर की है। शबनम ने ऐसे समय में दया याचिका दायर की है जब खबरों के मुताबिक मथुरा जेल में शबनम को फांसी देने की तैयारी चल रही है।

Shabnam Ali case

आपको बता दें कि मथुरा जेल देश की एकमात्र ऐसी जेल है जहां महिलाओं को फांसी दी जा सकती है। अगर शबनम को फांसी दी जाती है तो स्वतंत्र भारत में ऐसा पहली बार होगा जब किसी महिला को फांसी दी जाएगी। गौरतलब है कि शबनम, जो वर्तमान में मथुरा जेल में बंद है, ने साल 2008 में अपने परिवारजनों द्वारा उसके प्रेमी को स्वीकार न किये जाने पर 10 महीने के बच्चे समेत अपने परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी थी। इस मामले में ट्रायल कोर्ट के सामने कुल 28 लोगों ने गवाही दी थी।

यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश के उन्नाव में खेत में दुपट्टे से बंधी पड़ी मिलीं तीन बहनें, दो की मौत

इस केस के गवाहों में से एक रईस अहमद ने कोर्ट को बताया था कि उसने सलीम को एक मेडिकल स्टोर नींद की गोली लेते देखा था। लेकिन वहां से उसे गोलियां नहीं मिली जिसके बाद उसने बाद में कहीं ओर से गोलियों का इंतजाम किया। शबनम द्वारा परिवार के सभी सदस्यों को नींद की गोली दिये जाने के बाद उसके प्रेमी सलीम ने नींद में ही परिवार के सभी सदस्यों की हत्या कर दी। आरोप सिद्ध होने पर साल 2010 में अमरोहा की एक सेसन कोर्ट ने दोनों को मौत की सजा सुनाई थी। उनकी मौत की सजा को साल 2013 में इलाहबाद हाई कोर्ट ने भी जारी रखा था। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी मई 2015 में दायर उनकी आपराधिक अपील को खारिज कर दिया।

Recommended Video

Bawankhedi Case: Shabnam ने राष्ट्रपति को भेजी दूसरी दया याचिका, टल जाएगी फांसी ? | वनइंडिया हिंदी

इसके बाद, सेसंस कोर्ट द्वारा 21 मई 2015 को सलीम और शबनम की फांसी के लिए एक वारंट जारी किया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 27 मई को यह कहते हुए रोक लगा दी कि अभी दोनों के पास राष्ट्रपति के पास क्षमा याचना करने का संवैधानिक अधिकार बाकी है। इसके बाद साल 2015 में शबनम ने एक दया याचिका उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के समक्ष दायर की थी जिसे उन्होंने खारिज कर दिया था। साल 2016 में भारत के राष्ट्रपति ने भी दया याचिका को खारिज कर दिया था। पिछले साल 23 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सलीम और शबनम द्वारा दायर की गई समीक्षा याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि अब इस मामले में कुछ भी समीक्षा करने योग्य नहीं बचा है। वहीं, हाल ही में शबनम के बेटे ताज ने राष्ट्रपति से अपनी मां की मौत की सजा को पलटने की अपील की है। खबरों के अनुसार ताज ने कहा, 'मैं अपनी मां से प्यार करता हूं। मैं राष्ट्रपति से अपील कर रहा हूं कि उनकी मौत की सजा बदल दी जाए। यह राष्ट्रपति जी पर निर्भर करता है, लेकिन मुझे उनपर पूरा विश्वास है।'

Comments
English summary
Shabnam filed second mercy petition, killing her seven family members
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X