योगी सरकार की मुहिम 'मिशन शक्ति' का यूपी में दिखा असर, ग्रामीण महिलाओं को मिलने लगी आर्थिक आजादी
लखनऊ। महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए सजग योगी सरकार की मुहिम 'मिशन शक्ति' रंग ला रही है। मिशन शक्ति अभियान के तहत ग्रामीण महिलाओं के साथ शहर की महिलाओं के स्वावलंबन को नया आधार मिल रहा है। स्वयं सहायता समूह के चलते महिलाएं रोजगार की मुख्यधारा से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। लखनऊ के ग्राम पंचायत अमलौली माल ब्लॉक कि राजकुमारी मौर्या ने 14 गरीब परिवारों को जोड़कर उजाला स्वयं सहायता समूह का गठन किया, जिसके बाद खेती पर निर्भर इन परिवारों की आय प्रतिमाह 20 से 40 हजार रुपए हो गई है।
मशरूम,
पशुपालन
के
चलते
बढ़ी
परिवार
की
आय
राजकुमारी
मौर्या
ने
बताया
कि
साल
2018
में
100
रुपए
का
कर्ज
लेकर
खीरे
की
खेती
की
औऱ
पहली
बार
में
आठ
हजार
की
आमदनी
हुई।
परिवार
वालों
के
साथ
मशरूम,
लौकी,
मटर,
सेम,
चुकन्दर,
पालक,
टमाटर
और
पशुपालन
कर
45,100
रुपए
की
प्रतिमाह
की
आमदनी
अब
हो
रही
है।
उन्होंने
बताया
कि
समूह
से
2,000
महिलाएं
जुड़ी
हैं
जो
अब
खेती
व
पशुपालन
कर
अपने
परिवारों
का
पालन
पोषण
अच्छे
से
कर
रही
हैं।
महिलाओं
को
दे
रही
प्रशिक्षण
राष्ट्रीय
ग्रामीण
आजीविका
मिशन
के
तहत
प्रशिक्षण
ले
चुकी
राजकुमारी
किसान
पाठशाला
लगाकर
महिलाओं
को
प्रशिक्षित
कर
रही
हैं।
उजाला
स्वयं
सहायता
समूह
से
जुड़ी
महिलाओं
को
खेती-किसानी
और
पशुपालन
की
जानकारी
चौपाल
के
जरिए
दे
रही
हैं।
191
स्वयं
सहायता
समूह
से
515
महिलाएं
जुड़ी
उपायुक्त
स्वत:
रोजगार
सुखराज
बंधू
ने
बताया
कि
लखनऊ
में
495
गांव
पंचायतें
हैं।
जिसमें
191
स्वयं
सहायता
समूह
से
515
महिलाएं
जुड़ी
हैं।
रहीमाबाद,
मोहनलालगंज,
गुडंबा,
निगोहा
समेत
आस
पास
के
क्षेत्रों
में
महिलाओं
और
बेटियों
को
स्वावलंबी
बनाने
के
उद्देश्य
से
टीमों
का
गठन
किया
गया
है।
गरीब
महिलाओं
का
सहारा
बने
अभिनव
उन्नाव
जिले
के
उतरौरा
गांव
के
ब्लॉक
असोहा
में
महिलाओं
को
स्वावलंबी
बनाने
के
उद्देश्य
से
अभिनव
शुक्ला
जमीनी
स्तर
पर
योगी
सरकार
की
योजनाओं
को
घर-घर
तक
पहुंचाने
का
काम
कर
रहे
हैं।
गैर
सरकारी
संस्था
के
तहत
वो
ग्रामीण
महिलाओं
को
जैविक
खेती,
गोबर
के
दीये,
झालर,
डिजाइनर
सजावटी
सामान,
मसाले,
अचार,
पापड़
जैसे
छोटे
व्यापारों
को
शुरू
करने
का
प्रशिक्षण
दिया
जा
रहा
है।
उन्होंने
बताया
कि
लघु
कुटीर
व्यापारों
से
जुड़कर
प्रत्येक
महिला
प्रतिमाह
छह
हजार
से
10,000
की
आमदनी
कर
रही
हैं।
इसके
साथ
ही
दीपावली
पर्व
को
लेकर
200
महिलाओं
द्वारा
10,000
गोबर
के
दीये
तैयार
किए
गए
हैं
जो
बाजरों
में
खूब
बिक
रहे
हैं।
राजधानी
में
सीतापुर
में
आर्थिक
रूप
से
कमजोर
महिलाओं
को
लघु
कुटीर
व्यापार
से
जुड़े
कार्यों
का
नि:शुल्क
प्रशिक्षण
दिया
जा
रहा
है।