धर्म परिवर्तन अध्यादेश 2020: यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने धर्मांतरण संबंधी बिल को दी मंजूरी, आज से हुआ लागू
लखनऊ। 'लव जिहाद' की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा बना गए धर्म परिवर्तन अध्यादेश 2020 को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दे दी है। इस संबंध में शासनादेश भी जारी कर दिया गया है। वहीं, राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद अब यह नया कानून आज से उत्तर प्रदेश में लागू हो गया है। इस कानून के तहत नाम छिपाकर शादी करने व अपराध सिद्ध होने पर 10 साल की सजा का प्रावधान होगा।
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दरअसल, कैबिनेट में धर्म परिवर्तन अध्यादेश 2020 को मंजूरी मिलने के बाद बुधवार (25 नवंबर) को राज्यपाल से अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा गया था। अब राज्यपाल से मंजूरी मिलते ही यह अध्यादेश के रूप में यूपी में लागू हो गया है। अब इस अध्यादेश को छह माह के भीतर विधानमंडल के दोनों सदनों में पास कराना होगा। आपको बता दें कि, लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को मंजूरी देने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है। तो वहीं, यूपी के अलावा मध्य प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भी इस मसले पर कानून बनाने की तैयारी चल रही है।
धर्म परिवर्तन अध्यादेश 2020 के मुताबिक, दो अलग-अलग धर्म के लोग आपस में शादी कर सकते हैं, लेकिन नए कानून में व्यवस्था अवैध रुप से धर्मांतरण को लेकर है। इसमें 3 साल, 7 साल और 10 साल की सजा का प्रावधान है। नए कानून के जरिए अवैध रुप से धर्मांतरण कर शादी करने पर रोक लगेगी। दरअसल, गुमराह करके, झूठ बोलकर, लालच देकर, जबरदस्ती या शादी के जरिए धर्म बदलवाने का दोष साबित होने पर कम से कम एक साल और अधिकतम पांच साल की सजा होगी। दोषी पर 15 हजार रुपए जुर्माना भी लगेगा।
ये
है
लव
जिहाद
के
खिलाफ
कानून
का
ड्राफ्ट
-
महिला
एससी/एसटी
कैटेगरी
में
आती
है
तो
उसका
जबरन
या
झूठ
बोलकर
धर्म
परिवर्तन
कराना
कानून
का
उल्लंघन
माना
जाएगा।
इसमें
कम
से
कम
3
साल
और
अधिकतम
10
साल
की
सजा
हो
सकती
है।
ऐसे
मामले
में
जुर्माना
25
हजार
रुपए
होगा।
-
सामूहिक
धर्म
परिवर्तन
के
मामले
में
कम
से
कम
3
साल
और
अधिकतम
दस
साल
तक
की
सजा
हो
सकती
है।
जुर्माने
की
राशि
50
हजार
तक
होगी।
-
अगर
कोई
धर्म
बदलना
चाहता
है
तो
उसे
डिस्ट्रिक्ट
मजिस्ट्रेट
को
दो
महीने
पहले
सूचना
देनी
होगी।
ऐसा
न
करने
पर
6
महीने
से
3
साल
तक
की
सजा
हो
सकती
है।
जुर्माने
की
रकम
10
हजार
रहेगी।
क्या
कहा
मंत्री
सिद्धार्थनाथ
सिंह
ने...
यूपी
सरकार
के
मंत्री
सिद्धार्थनाथ
सिंह
ने
कहा
कि
यूपी
कैबिनेट
उत्तर
प्रदेश
विधि
विरुद्ध
धर्म
समपरिवर्तन
प्रतिषेध
अध्यादेश
2020
लेकर
आई
है,
जो
उत्तर
प्रदेश
में
कानून
व्यवस्था
सामान्य
रखने
के
लिए
और
महिलाओं
को
इंसाफ
दिलाने
के
लिए
जरूरी
है।
24
नवंबर
को
उन्होंने
कि
कहा
कि
बीते
दिनों
में
100
से
ज्यादा
घटनाएं
सामने
आई
थीं,
जिनमें
जबरन
धर्म
परिवर्तन
के
सामने
आए
थे।
कहा
था
कि
इसमें
पाया
गया
था
कि
छल-कपट,
बल
से
धर्म
परिवर्तित
किया
जा
रहा
है।
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