भाजपा से गठबंधन की आस खत्म, 12 और सीटों पर प्रत्याशी उतारेंगे राजा भैया
लखनऊ। यूपी के बाहुबली नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल अब लोकसभा चुनाव में अकेले ताल ठोंकेगी। भाजपा से गठबंधन की अटकलों को विराम देते हुए राजा भैया ने बुधवार को ट्वीट कर 12 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर दिया। बता दें कि दो सीटों प्रतापगढ़ और कौशाम्बी से राजा भैया प्रत्याशियों का ऐलान कर चुके हैं।
भाजपा से गठबंधन की अटकलों पर लगा विराम
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजाभैया व भाजपा नेतृत्व के बीच लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर काफी दिनों से अटकलों का दौर चल रहा था। लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद कई राउंड में शीर्ष नेताओं के बीच वार्ता का क्रम चला, लेकिन बात नहीं बनी। जिसे देखते हुए राजाभैया ने कौशांबी से शैलेंद्र कुमार और प्रतापगढ़ से अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।
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इन सीटों पर उतारेंगे प्रत्याशी
हालांकि भाजपा व जनसत्ता दल के गठबंधन को लेकर चर्चाओं का दौर थम नहीं रहा था। बुधवार को भी कयासबाजी का दौर जारी रहा। इस बीच राजाभैया ने ट्वीट कर लोकसभा चुनाव में 12 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर दिया। उन्होंने ट्वीट कर 12 और सीटों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि फतेहपुर, सीतापुर, बांदा, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, मछलीशहर, बलिया, गाजीपुर, सीतापुर, डुमरियागंज, बहराइच से लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्णय किया है। प्रत्याशियों के नाम की घोषणा शीघ्र ही की जाएगी।
फिर बनने-बिगड़ने लगे समीकरण
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक व भाजपा के बीच गठबंधन की आस खत्म होते ही फिर नए समीकरण बनने व बिगडने लगे हैं। गठबंधन से होने वाले फायदे व नुकसान को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा हो रही है। जिले की कौशांबी व प्रतापगढ़ सीट पर होने वाले चुनाव को लेकर भी राजनैतिक दलों के नेता चर्चा करते नजर आए।
उम्मीदवारों के लिए जनसभाएं करेंगे राजाभैया
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजाभैया के पीआरओ ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि पार्टी के पदाधिकारी प्रत्याशियों का चयन करने के बाद उन्हें मैदान में उतारेंगे। सभी प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने के लिए राजाभैया जनसभाएं भी करेंगे। प्रत्याशियों को कामयाब बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
लगातार 8 बार रहे विधायक
आपको बता दें कि राजा भैया खुद लगातार आठवीं बार के विधायक हैं। 1993 से वह कुंडा से निर्दलीय जीतते आ रहे हैं। 1997 में बीजेपी की कल्याण सिंह की सरकार में वह पहली बार मंत्री बने थे। 2002 में बसपा सरकार में विधायक पूरन सिंह बुंदेला को धमकी देने के मामले में उन्हें जेल जाना पड़ा था। बाद में मुख्यमंत्री मायावती ने उन पर पोटा लगा दिया था। करीब 18 महीने वह जेल में रहे। 2003 में मुलायम सिंह ने मुख्यमंत्री बनने के बाद राजा भैया के ऊपर से पोटा हटा लिया और उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया, तब से वह लगातार सपा के साथ थे।
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