डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार को घेरा, पूछे ये पांच सवाल
डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार को घेरा, पूछे ये पांच सवाल
लखनऊ, जून 29: अगले साल उत्तर प्रदेश के अंदर विधानसभा चुनाव होने है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए सूबे की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के साथ ही समाजवादी पार्टी, बीएसपी और कांग्रेस जैसी विपक्षी दलों ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस पार्टी जनहित से जुड़े हर एक मुद्दे को लेकर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर जमकर निशाना साध रही है।
कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने कोरोना वायरस संक्रमण के चलते प्रभावित हुए श्रमिकों की पलायन करते हुए फोटोज सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर शेयर की है। फोटोज शेयर करने के साथ ही प्रियंका गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला भी बोला है। प्रियंका गांधी ने लिखा, 'कोरोना से प्रभावित आर्थिक रूप से कमजोर लोगों, छोटे उद्योगों और कामगारों को नकद आर्थिक सहायता और रोजगार गारंटी की जरूरत थी। लेकिन केंद्र सरकार ने एक बार फिर "लोन गारंटी" का झुनझुना थमा दिया। जनता से वसूली की बात करें तो पेट्रोल-डीजल पर ही टैक्स वसूली से सरकार लगभग 4 लाख करोड़ कमा चुकी है, लेकिन जनता को देने के नाम पर लोन देती है।'
प्रियंका
गांधी
ने
पूछा,
क्या
कोई
ऐसी
चीज
है
जो
इस
सरकार
में
सस्ती
हुई
हो?
प्रियंका
गांधी
यही
नहीं
रूकी,
उन्होंने
1
जुलाई
से
SBI
बैंक
से
पैसा
निकालने
पर
भी
चार्ज
बढ़
जाने
से
जुड़ी
खबर
पर
सरकार
को
आड़े
हाथ
लिया।
प्रियंका
गांधी
ने
फेसबुक
पोस्ट
करते
हुए
जनता
से
पूछा-
'क्या
कोई
भी
ऐसी
चीज
है
जो
इस
सरकार
में
सस्ती
हुई
हो?
बस
जुमले,
झूठे
वादे
और
खुद
की
कही
बातों
से
यूटर्न
सरकार
मुफ्त
में
बांट
रही
है।'
पेट्रोल-डीजल
पर
12
बार
बढ़ा
चुकी
है
एक्साइज
ड्यूटी
प्रियंका
गांधी
ने
कहा,
2013
में
जब
अंतर्राष्ट्रीय
बाजार
में
कच्चे
तेल
का
दाम
101
डॉलर
प्रति
बैरल
था,
उस
समय
पेट्रोल
66
रू/
लीटर
और
डीजल
और
डीजल
51
रू/
लीटर
में
मिल
रहा
था।
उस
वक्त
केंद्र
सरकार
पेट्रोल
पर
9
रू/लीटर
और
डीजल
पर
मात्र
3
रू/लीटर
टैक्स
लेती
थी।
लेकिन
2021
में
भाजपा
सरकार
आपसे
हर
एक
लीटर
पेट्रोल
खरीद
पर
33
रू
और
डीजल
पर
32
रू
का
टैक्स
वसूल
रही
है।
भाजपा
सरकार
पेट्रोल
और
डीजल
पर
एक्साइज
ड्यूटी
को
12
बार
बढ़ा
चुकी
है।
पेट्रोल-डीजल
के
बढ़ते
दामों
पर
पूछे
ये
पांच
सवाल
-
जब
अंतर्राष्ट्रीय
बाजार
में
कच्चे
तेल
की
कीमतें
कम
होने
पर
भी
देशवासियों
को
इसका
फायदा
क्यों
नहीं
दिया
गया?
-
क्या
2014
से
अब
तक
टैक्स
वसूली
में
300%
से
ज्यादा
की
बढ़त
जायज
है?
-
केंद्र
सरकार
ने
7
सालों
में
पेट्रोलियम
पदार्थों
पर
टैक्स
से
21.5
लाख
करोड़
वसूले
हैं,
लेकिन
मध्य
वर्ग,
गरीब
तबके,
व्यापारी
वर्ग
को
मिला
क्या?
-
संकट
काल
में
देशवासियों
से
पेट्रोल-डीजल
पर
टैक्स
से
लगभग
4
लाख
करोड़
वसूले
गए,
बुरी
आर्थिक
स्थिति
में
देशवासियों
को
राहत
देने
के
लिए
इसमें
से
कितने
खर्च
हुए?
-
सरकार
पेट्रोल-डीजल
पर
टैक्स
और
पेट्रोल-डीजल
के
बढ़ते
दामों
को
देशवासियों
को
लूटने
का
जरिया
क्यों
बना
रही
है?