काशी के बुनकरों को मिला अखिलेश और प्रियंका का साथ, लिखा- सरकार को सुननी चाहिए बुनकरों की मांग
लखनऊ। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आर्थिक बदहाली का सामना कर रहे बुनकर 1 सितंबर से हड़ताल पर चले गए हैं। उनकी मांग है कि दिसंबर तक के बिजली बिल माफ हों और योगी आदित्यनाथ सरकार बिजली के फ्लैट रेट फिर से लागू करे। तो वहीं अब बुनकरों की हड़ताल को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का साथ मिल गया है। बता दें कि इससे पहले भी 13 मार्च और 28 अगस्त को प्रियंका गांधी पत्र और ट्वीट के माध्यम से बुनकरों की समस्या से योगी आदित्यनाथ सरकार को अवगत कराया था और मदद की अपील भी की थी।
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बुनकरों की मांग सरकार को सुननी चाहिए: प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'वाराणसी समेत पूरे उत्तर प्रदेश के बुनकर इस समय भयानक संकट का सामना कर रहे हैं। सरकार ने न तो बिजली बिल के मुद्दे पर कोई बात सुनी है और न ही इस लाकडाउन से उपजे संकट से उबारने के लिए उन्हें कोई मदद की है। अपनी कला के जरिए पूरे विश्व में यूपी का नाम रोशन करने वाले बुनकर आज हड़ताल करने को मजबूर हैं। सरकार को बुनकरों की मांग सुननी चाहिए।'
अखिलेश यादव ने भी कसा तंज
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुनकरों की समस्या को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर तंज कसा है। अखिलेश यादव ने फेसबुक और ट्वीटर पर चार शब्द लिखे है, 'बुनकर परेशान, सरकार अंजान!' इससे पहले सपा ने स्थानीय स्तर पर भी बुनकरों की मांग का समर्थन करते हुए हड़ताल को समर्थन दिया।
एक सितंबर से बुनकरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल
बिजली के फ्लैट रेट लागू करने की मांग करते हुए एक सितंबर से काशी के बुनकरों ने अपना पावरलूम बंद कर दिया है। हड़ताल के बारे में एक बुनकर ने कहा कि कोरोना काल में हमें भारी नुकसान झेलना पड़ा है। हम किस तरह से बिजल बिल चुका पाएंगे? कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सोमवार को बुनकरों के साथ जनसंवाद किया जिसमें उन्होंने आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया।
हड़ताल को कांग्रेस का समर्थन
बुनकरों के एक समूह के सरदार हाजी मकबूल हसन से मुलाकात कर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लाखों बुनकर आर्थिक तंगी झेल रहे लेकिन उनको राहत न देकर उन पर बिजली बिल का बोझ योगी सरकार बढ़ा रही है जो उसकी मानसिकता को बताता है। सरदार हाजी मकबूल हसन ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अजय कुमार लल्लू के नाम चिट्ठी सौंपकर बुनकरों को समर्थन देने की अपील की। दूसरे समूह के सरदार हाजी अली अहमद ने भी हड़ताल पर जाने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि एक सितंबर से पावरलूम मशीनों को अनिश्चित काल के लिए बंद कर देंगे। मीटिंग करने वाले अजय कुमार लल्लू, कांग्रेस नेता अजय राय, बुनकर सरदारों समेत 10 के खिलाफ नामजद और अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं व बुनकरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जैतपुरा थाना पुलिस के मुताबिक, कोविड19 के नियमों के उल्लंघन में यह केस दर्ज किया गया है।
बुनकरों की है ये मांग
बुनकरों के एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी रहे अतीक अंसारी ने कहा कि मुलायम, मायावती और अखिलेश के समय तक 72 रुपए में महीनेभर पावरलूम चलता था। योगी सरकार में भी यह योजना लागू रही लेकिन अब इसमें बदलाव कर एक पावरलूम के लिए एक महीने में 1500 रुपए देने को कहा है। बिल जमा करने के बाद सरकार ने 600 रुपए की सब्सिडी खाते में वापस करने का आश्वासन दिया है लेकिन बुनकर यह मानते हैं कि 1500 रुपए का रेट बहुत ज्यादा है। बुनकरों की मांग है कि फ्लैट रेट फिर से सरकार लागू करे और दिसंबर तक का बिजली बिल माफ करे। सरकार ने अगर बुनकरों की मांग नहीं मानी तो हम सब पावरलूम की बिजली काटने के लिए आवेदन देंगे।
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