यूपी में अब नहीं दिखेगा 'सरकारी', 'ठेका', योगी सरकार का आदेश
no sarkari and theka word on liquor shops in uttar pradesh: लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) भर में बीयर और शराब की दुकानों पर लगे बोर्ड से 'सरकारी' और 'ठेका' शब्द हटा दिए गए हैं। बुधवार आबकारी विभाग के आदेश के बाद दोनों शब्दों पर काले रंग का पेंट लगा दिया गया। अब इन दुकानों के साइन बोर्ड पर केवल 'देशी शराब', 'अंग्रेजी शराब' की दुकान या 'बीयर शॉप' ही लिखा जाएगा। बता दें, राज्य में जितनी भी शराब, बीयर और भांग की दुकानें हैं, उनका लाइसेंस प्रदेश सरकार ही जारी करती है। इसलिए अब तक हर दुकान पर सरकारी लाइसेंसी शराब/बीयर की दुकान या सरकारी भांग का ठेका लिखा होता था। अब सरकार नहीं चाहती कि इन शब्दों का इस्तेमाल किए जाएं। इसलिए आबकारी विभाग ने इन्हें हटाने के आदेश दिए हैं। ठेका संचालकों के मुताबिक, आबकारी विभाग की तरफ से जारी निर्देशों का अनपुालन करते हुए यह शब्द मिटाए जा रहे हैं।
घर में शराब या बीयर रखने के लिए लेना होगा लाइसेंस
उत्तर प्रदेश में घर में बार का इंतजाम रखने वालों को आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना होगा। यूपी सरकार की वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए जारी नयी आबकारी नीति में यह प्रावधान किया गया है। इसके तहत व्यक्तिगत प्रयोग के लिए होम लाइसेंस लेना होगा। व्यक्तिगत प्रयोग के लिए निर्धारित फुटकर सीमा 16 लीटर से अधिक शराब या बीयर अपने पास रखने के लिए अब वैयक्तिक होम लाइसेंस लेना होगा। निजी प्रयोग के लिए व्यक्तियों को निर्धारित फुटकर सीमा 16 लीटर से अधिक मदिरा क्रय, परिवहन एवं निजी कब्जे में निर्धारित शर्तों के अधीन रखने के लिए हर साल 12,000 रुपए की लाइसेंस फीस एवं जमानत राशि 51,000 रुपए जमा करनी होगी। प्रदेश की इस नयी आबकारी नीति को 8 जनवरी को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दी गई थी।
हर साल इसे रिन्यू कराना होगा लाइसेंस
अगर आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं और घर में बार की व्यवस्था रखने के शौकीन हैं तो आपको सरकार से लाइसेंस लेना होगा। यह लाइसेंस एक साल के लिए वैलिड होगा और आपको हर साल इसे रिन्यू कराना होगा।
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