निषाद पार्टी यूपी में 24 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, संजय निषाद ने भाजपा के साथ सीट तय होने का किया दावा
लखनऊ, 8 जनवरी। उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरी निषाद पार्टी ने विधानसभा की 24 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद ने लखनऊ में कहा कि पार्टी 24 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। उम्मीदवारों की सूची पार्टी जल्दी ही जारी करेगी। हलांकि संजय निषाद ने यह स्पष्ट नहीं किया कि भाजपा ने 24 सीटों पर सहमति दी है या नहीं? प्रेस कॉन्फ्रेंस के एक सवाल के जवाब में उन्होंने इतना कहा कि मैं कह रहा हूं कि दो दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, समय आने पर गठबंधन की रणनीति का भी पता चल जाएगा। हलांकि इस बारे में भाजपा की तरफ से अभी कोई बयान नहीं आया है।
संजय निषाद बहुत पहले से भाजपा से 24 सीटों की मांग करते रहे हैं। दो दर्जन सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात भी उन्होंने फिर लखनऊ के प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोहराई। अभी भाजपा की तरफ से निषाद पार्टी को 24 सीटें देने की पुष्टि नहीं की गई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय निषाद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सत्ता में भागीदारी होगी तभी निषादों को आरक्षण भी मिलेगा। उन्होंने सपा, बसपा और कांग्रेस पर निषादों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। कहा कि इन पार्टियों ने निषाद के साथ विश्वासघात किया। कहा कि चुनाव से पहले निषादों को आरक्षण मिले ऐसी बात उन्होंने कभी नहीं की। 2022 में भाजपा की सरकार बनेगी तो निषादों को आरक्षण भी मिलेगा इसलिए निषाद उनका साथ दें।
साल 2022 के चुनाव में पार्टियों के समीकरण उलट गए हैं। 2017 में जहां भाजपा के साथ ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा थी, वहीं 2022 में संजय निषाद का साथ भाजपा को मिला है। ओम प्रकाश राजभर सपा के साथ हैं। सुभासपा और निषाद, दोनों ही पार्टियां आरक्षण के मुद्दे पर राजनीति करती है। 17 दिसंबर 2021 को निषाद पार्टी ने रैली की थी जिसमें गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए थे। इसमें निषादों को उम्मीद थी कि अमित शाह आरक्षण देने पर कुछ कहेंगे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। रैली के बाद निषादों में इसको लेकर रोष दिखा और उन्होंने आरक्षण नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाए। उस समय संजय निषाद को डैमेज कंट्रोल के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखनी पड़ी थी।
निषाद समुदाय को अगर मिला आरक्षण तो फिर दूसरी अनुसूचित जातियों को संभाल पाएगी बीजेपी ?