फर्जी कॉल सेंटर के जरिए ठगी कर उड़ाए करोड़ों रुपए, झारखंड के 9 लोगों को किया गिरफ्तार
लखनऊ। ऑनलाइन फर्जी कॉल सेंटर के जरिए ठगी करने वाले 9 लोगों को लखनऊ की हजरतगंज पुलिस और साइबर क्राइम सेल की टीम ने झारखंड के देवघर से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए अभियुक्तों के पास से तीन लाख रुपए, सात मोबाइल और एक लैपटॉप बरामद हुआ है। गिरोह के 11 सदस्य अभी फरार हैं जिनकी तलाश में उनके संभावित ठिकानों पर पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं। बता दें कि यह ठग साइबर अपराध के गढ़ कहे जाने वाले झारखंड के जामताड़ा में देवघर, दमुका एवं गिरिडीह में फर्जी कॉल सेंटर चलाते थे।
53
लाख
रुपए
की
गई
थी
ऑनलाइन
ठगी
जेसीपी
अपराध
नीलाब्धा
चौधरी
ने
पुलिस
लाइन
में
मीडिया
को
संबोतिध
करते
हुए
बताया
कि
बीते
जुलाई
महीने
में
साइबर
क्राईम
सेल
लखनऊ
में
सेवानिवृत्त
समीक्षा
अधिकारी
प्रभाकर
प्रसाद
ने
सूचना
दी
कि
उनके
खाते
से
53
लाख
रुपए
का
ऑनलाइन
स्थानांतरण
कर
लिया
गया
है।
इस
संबंध
में
साइबर
सेल
ने
त्वरित
कार्यवाही
करते
हुए
इस
प्रकरण
से
जुड़ी
सभी
जानकारियां
एकत्र
की।
इसके
बाद
हजरतगंज
थाना
में
मुकदमा
दर्ज
कराया
गया
फिर
कार्रवाई
प्रारंभ
की
गई।
9
सक्रिय
सदस्यों
को
किया
गिरफ्तार
अपराधियों
की
धरपकड़
के
लिए
झारखंड
राज्य
के
देवघर,
दुमका
एवं
गिरिडीह
में
दबिश
दी
गई
और
गिरोह
के
9
सक्रिय
अभियुक्तों
को
गिरफ्तार
किया
गया।
जिनसे
पूछताछ
करने
पर
पता
चला
कि
इस
काम
को
वह
पिछले
कई
सालों
से
लगातार
कर
रहे
हैं।
गैंग
में
शामिल
लोग
देवघर,
दुमका
एवं
गिरिडीह
में
कॉल
सेंटर
बनाकर
वहां
से
कॉल
करके
लोगों
के
पेंशन
खातों
की
जानकारी
प्राप्त
कर
उनके
खातों
से
करोड़ों
रुपए
की
ऑनलाइन
धोखाधड़ी
कर
ठगी
कर
चुके
हैं।
कई
राज्यों
की
बैंक
शाखाओं
में
पैसे
करते
थे
ट्रांसफर
साइबर
सेल
ने
पीड़ित
के
बैंक
खातों
का
गहन
अध्ययन
किया
तो
पता
चला
कि
उसके
खाते
की
सभी
गोपनीय
जानकारियां
अभियुक्तों
ने
धोखाधड़ी
करके
प्राप्त
कर
ली।
इसके
बाद
पीड़ित
के
खातों
से
समस्त
पैसे
को
देश
के
विभिन्न
राज्यों
जैसे
महाराष्ट्र,
मध्य
प्रदेश,
झारखंड,
बिहार,
पश्चिम
बंगाल,
हरियाणा
एवं
उत्तर
प्रदेश
में
स्थित
बैंकों
के
फर्जी
खातों
में
ऑनलाइन
स्थानांतरण
कर
लिया
गया।
पुलिस
की
पड़ताल
में
पता
चला
कि
ठगी
की
रकम
में
से
कुछ
पैसे
का
ऑनलाइन
ई
वॉलेट
जैसे
मूवी
क्विक,
पेटीएम,
फोनपे,
गूगलपे,
अमेजॉनपे,
फ्लिपकार्ट,
फ्यूचरपे,
एयरटेल
मनी,
फिनो
पेमेंट
बैंक,
नो
ब्रोकर्स,
गिफ्ट
एवं
अन्य
में
भी
ट्रांसफर
की
गई
थी।
डिजिटल
साक्ष्यों
के
आधार
पर
हुई
गिरफ़्तारी
जेसीपी
अपराध
ने
बताया
कि
सभी
बैंकों
के
खातों
व
सभी
ईवैलेट
से
संबंधित
केवाईसी
व
खातों
से
संबंध
समस्त
विवरण
का
गहनता
से
अध्ययन
किया
गया
तो
सभी
बैंक
खातों
एवं
ई-वैलेट्स
में
रजिस्टर्ड
मोबाइल
नंबर,
ईमेल
आईडी
आईपी
एड्रेस
एवं
अन्य
जानकारियां
प्राप्त
कर
सर्विलांस
तकनीकी
का
प्रयोग
किया
गया
और
घटना
से
संबंधित
जानकारियां
एकत्रित
की
गई।
इसके
बाद
पता
चला
कि
अभियुक्तों
की
वर्तमान
लोकेशन
झारखंड
राज्य
के
दुमका
जिले
के
सालजोरबंदरी
गांव
में
स्थित
है।
इस
पर
साइबर
क्राइम
सेल
और
हजरतगंज
पुलिस
की
संयुक्त
टीम
ने
डिजिटल
साक्ष्यों
के
आधार
पर
सभी
को
गिरफ्तार
कर
लिया
है।
गिरफ्तार
किए
गए
अभियुक्तों
से
विशेष
टीम
गठित
कर
पूछताछ
की
जा
रही
है।
आठ
साल
से
गिरोह
कर
रहा
ठगी
पुलिस
के
मुताबिक,
यह
गिरोह
छत्तीसगढ़
के
विभिन्न
थानों
में
पंजीकृत
मुकदमों
में
वांछित
चल
रहे
हैं।
जिस
के
संबंध
में
छत्तीसगढ़
पुलिस
से
संपर्क
कर
तथ्यों
से
तथ्यों
के
बारे
में
जानकारी
दी
गई।
गिरोह
का
सरगना
प्रमोद
राजेश
और
सुमन
है
जो
2012
से
इस
अपराध
में
सक्रिय
है।
अभियुक्तों
ने
पूछताछ
में
बताया
कि
प्रमोद
राजेश
व
सुमन
अपने
पास
15-20
मोबाइल
रखते
हैं।
जिन्हें
फर्जी
नाम
पते
पर
लेकर
चलते
हैं
और
उनका
प्रयोग
इनके
द्वारा
कॉलिंग
करके
धोखाधड़ी
करने
में
किया
जाता
है।
इनके
मोबाइल
गांव
के
बाहर
जंगल
मिलाकर
कॉल
किया
जाता
है
ताकि
सही
लोकेशन
पता
ना
चल
पाए।