हाथरस केस: अंतिम संस्कार पर महिला आयोग ने यूपी पुलिस से मांगा जवाब
लखनऊ। 19 साल की दलित लड़की के साथ जो हुआ उससे ज्यादा भयानक और हैवानियत भरा कुछ नहीं हो सकता। वहीं, 2:40 बजे बिना किसी रीति रिवाज के साथ पुलिस ने पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। इस दौरान पीड़िता की मां पुलिस के आगे गिड़गिड़ाती रही। लेकिन परिवार वालों की एक न सुनी गई और जबरन पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। वहीं, अब इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से प्रदेश की पुलिस से सफाई मांगी गई है।
यूपी
पुलिस
से
महिला
आयोग
ने
मांगी
सफाई
महिला
आयोग
की
अध्यक्ष
रेखा
शर्मा
ने
बुधवार
को
ट्वीट
कर
बताया
कि
उत्तर
प्रदेश
के
हाथरस
की
घटना
में
रात
को
ढाई
बजे
ही
अंतिम
संस्कार
किया
गया।
ऐसा
क्यों?
महिला
आयोग
इसकी
निंदा
करता
है।
इसके
कुछ
देर
बाद
महिला
आयोग
की
अध्यक्षा
फिर
ट्वीट
किया।
ट्वीट
कर
बताया
कि
पीड़िता
के
भाई
ने
उनसे
कहा
कि
उसे
और
पिता
को
वहां
ले
जाया
गया
जहां
अंतिम
संस्कार
की
प्रक्रिया
चल
रही
थी
लेकिन
उनको
चेहरा
देखने
नहीं
दिया
गया।
मामले
की
जांच
सीआईडी
या
एसआईटी
करें
मीडिया
रिपोर्ट्स
की
मानें
तो
एक
वकील
के
द्वारा
मानवाधिकार
आयोग
में
अपील
दायर
की
गई
है
कि
इस
पूरे
मामले
की
जांच
हो,
सीआईडी
या
फिर
एसआईटी
मामले
में
पुलिस
की
लापरवाही
को
भी
जांचे।
गौरतलब
है
कि
इससे
पहले
परिवार
की
ओर
से
बयान
दिया
गया
था
कि
पुलिसवालों
ने
उनकी
बात
नहीं
मानी
और
जबरन
अंतिम
संस्कार
कर
दिया
गया
था।
हालांकि,
हाथरस
की
पुलिस
और
प्रशासन
ने
बार-बार
इसे
गलत
बताया।
Recommended Video
नहीं
देखने
दिया
गया
बेटी
का
चेहरा
दिल्ली
महिला
आयोग
की
प्रमुख
स्वाति
मालीवाल
ने
भी
इस
मामले
में
एक्शन
की
मांग
की
है
और
चीफ
जस्टिस
को
चिट्ठी
लिखते
हुए
जांच
करवाए
जाने
की
मांग
की
है।
दिल्ली
महिला
आयोग
की
ओर
से
पुलिसकर्मियों
पर
एक्शन
लिए
जाने
की
मांग
की
गई
है।
इस
पूरी
घटना
पर
पीड़िता
के
पिता
ने
बताया
कि
उनकी
बेटी
चौथी-पांचवीं
तक
पढ़ी
थी,
घर
के
सारे
काम
में
हाथ
बंटाती
थी।
वो
हमारी
सबसे
दुलारी
बेटी
थी,
लेकिन
अंत
में
उसका
चेहरा
नहीं
देखने
दिया
गया।
बुधवार
को
स्थानीय
सांसद
भी
परिवार
से
मिलने
पहुंचे,
जहां
परिजनों
ने
काफी
नाराजगी
जताई।
ये भी पढ़ें:- हाथरस गैंगरेप केस: अखिलेश और मायावती ने योगी सरकार पर बोला हमला, कही यह बात