सीएम योगी को जनता का फेवरेट बताने वाले पोस्ट में साक्षी महाराज ने कर दी एक गलती, यूजर्स ने पकड़ा और किया ट्रोल
सीएम योगी को जनता का फेवरेट बताने वाले पोस्ट में साक्षी महाराज ने कर दी एक गलती, यूजर्स ने पकड़ा और किया ट्रोल
लखनऊ, 30 जुलाई: 2022 में उत्तर प्रदेश के अंदर विधानसभा चुनाव होने है। चुनावों को लेकर सत्ताधारी पार्टी भाजपा समेत सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गई है। इस बीच उन्नाव जिले से भाजपा सांसद साक्षी महाराज अपनी एक पोस्ट के चलते ट्रोल हो रहे है। दरअसल, भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर एक पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यूपी की जनता का फेवरेट बताया है। वहीं, अब उनकी इस पोस्ट पर तमाम यूजर्स उन्हें ट्रोल करने लगे।
दरअसल, चुनाव के पहले के सियासी दांवपेच में कई बार राजनेता ऐसी गलतियां कर देते हैं, जो उन्हें खुद ही लोगों की आलोचना का पात्र बना देती है। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के सांसद साक्षी महाराज भी इस बार इसी सूची में शामिल हो गए। बता दें कि साक्षी महाराज ने गुरुवार को यूपी बीजेपी के हवाले से बना एक ग्राफिक्स अपने ऑफिशल फेसबुक पेज पर शेयर किया। इस पोस्ट में सीएम योगी को यूपी की जनता का फेवरेट सीएम बताते हुए कहा गया था कि 46 फीसदी लोग सीएम योगी को दोबारा सीएम के रूप में देखना चाहते हैं।
साक्षी महाराज की इस पोस्ट में बीएसपी चीफ मायावती, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव को लेकर भी आंकड़े दिखाए गए थे। साक्षी महाराज ने सर्वे के आधार पर बताया कि 46 फीसदी लोग सीएम योगी को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। इसके अलावा 22 फीसदी लोग अखिलेश यादव और 28 फीसदी लोग मायावती को मुख्यमंत्री के रूप में चाहते हैं। वहीं 14 फीसदी लोग प्रियंका गांधी को सीएम बनाना चाहते हैं। वहीं, अब उनकी इस पोस्ट पर तमाम यूजर्स उन्हें ट्रोल करने लगे।
लव कुश कुमार नाम के एक यूजर्स ने लिखा, 'बड़ा हीं अद्भुत अध्ययन BJP ने जारी किया है जिसके अनुसार 2022 के विधानसभा चुनाव में 46% लोग की पसंद हैं योगी जी, 28% लोगों की पसंद है बहन जी, 22% लोगों की पसंद है अखिलेश जी और 14% लोगों की पसंद हैं प्रियंका जी! अगर 48%+ 28%+22%+14% सबको जोड़ दिए जाएं तो कुल योग होता है 110%। है न अद्भुत? अभीतक तो विशेषज्ञ 100% में हीं जीतने-हारने की संभावनाएं बताते थे, लेकिन योगी जी के जीतने की संभावनाओं को जबरन आंकड़े को बढ़ाने के लिए उनके आंकड़ों में बाहर से 10% जोड़ दिया गया लगता है?