लोकभवन के सामने बेटी के साथ मां साफिया ने खुद को लगाई थी आग, इलाज के दौरान हुई मौत
लखनऊ। 17 जुलाई को राजधानी लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय लोकभवन के सामने मां-बेटी ने खुद को आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास किया था। इस दौरान साफिया 80 प्रतिशत से अधिक झुलस गई थी, जबकि उसकी बेटी गुड़िया लगभग 20 फीसदी तक झुलस गई थी। बेटी के साथ खुद को आग लगाने वाली मां साफिया की बुधवार सुबह इलाज के दौरान सिविल हॉस्पिटल में मौत हो गई। लखनऊ में पोसटमॉर्टम के बाद मृतक सोफिया का शव अमेठी जिले के जामों आएगा। मौत की सूचना के बाद एक बार फिर जामों में पुलिस फोर्स की संख्या बढ़ाई जा रही है।
क्या
था
पूरा
मामला
अमेठी
जिले
के
जामों
थाना
क्षेत्र
के
कस्बा
निवासी
साफिया
अपने
बेटी
गुड़िया
के
साथ
रहती
थी।
घायल
मां-बेटी
की
रिश्तेदार
ने
मीडिया
को
बताया
कि
करीब
एक
माह
पूर्व
नाली
के
विवाद
में
गांव
के
रहने
वाले
अर्जुन,
भीम,
मिलन
और
राजकरण
ने
उन
लोगों
को
मारा-पीटा
था।
जिसकी
शिकायत
पुलिस
और
प्रशासन
में
पीड़िता
ने
की
लेकिन
न्याय
नहीं
मिला।
यह
मामला
बीते
9
मई
का
है।
मुकदमा
दर्ज
होने
से
परेशान
थी
दोनों
मां-बेटी
दरअसल
9
मई
को
गुड़िया
का
अपने
पड़ोसी
अर्जुन
साहू
से
नाली
को
लेकर
विवाद
हुआ
था।
गुड़िया
की
तहरीर
पर
जामो
थाने
में
अर्जुन
साहू
समेत
चार
लोगों
के
खिलाफ
308
का
मुकदमा
दर्ज
हुआ
था।
पुलिस
ने
विपक्षी
अर्जुन
साहू
की
तहरीर
पर
गुड़िया
के
खिलाफ
354
के
तहत
मुकदमा
दर्ज
किया
था।
दो
दिन
पहले
गौरीगंज
सीओ
अर्पित
कपूर
ने
दोनों
मां-बेटी
का
बयान
भी
दर्ज
किया
थे।
पुलिस
द्वारा
दूसरे
पक्ष
से
दर्ज
किए
गए
मुकदमे
से
मां-बेटी
परेशान
थीं
और
दोनों
ने
विधानसभा
के
सामने
आत्मदाह
करने
का
कदम
उठा
लिया।
घटना
के
बाद
सात
पुलिसकर्मी
हुए
निलंबित
बीते
17
जुलाई
को
सोफिया
व
गुड़िया
ने
लखनऊ
में
मुख्यमंत्री
कार्यालय
के
बाहर
पुलिस
पर
कार्रवाई
न
करने
का
आरोप
लगाते
हुए
आत्मदाह
का
प्रयास
किया।
जिसमें
सोफिया
गंभीर
रूप
से
जल
गई
थी।
पुलिस
ने
सोफिया
व
उसकी
बेटी
को
सिविल
अस्पताल
में
भर्ती
कराया
गया।
घटना
में
अमेठी
में
तीन
व
लखनऊ
में
चार
पुलिस
कर्मियों
के
खिलाफ
निलंबन
की
कार्रवाई
भी
हुई।
उसके
बाद
मामले
में
सियासी
दखल
की
बात
सामने
आई।
मां-बेटी
को
आत्मदाह
के
लिए
प्रेरित
करने
वाले
एक
नेता
सहित
तीन
को
पुलिस
ने
जेल
भेजा।
बाकी
की
तलाश
की
जा
रही
है।