मां-बेटी आत्मदाह केस: मायावती ने योगी सरकार को दी नसीहत, बोलीं- इस घटना को गंभीरता से ले सरकार
लखनऊ। अमेठी जिले की एक महिला और उसकी बेटी ने शुक्रवार 17 जुलाई को राजधानी लखनऊ के सुरक्षित तथा वीआईपी क्षेत्र में शुमार मुख्यमंत्री ऑफिस लोक भवन के सामने खुद को आग लगा ली थी। वहीं, इस मामले में अब सियासत भी गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने इस मसले पर योगी सरकार को नसीहत दी है। मायावती ने कहा, यूपी सरकार इस घटना को गम्भीरता से ले।' वहीं, इस घटना के बाद अमेठ जिले के जामों थाना क्षेत्र के एसएचओ और विवेचक दारोगा व दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है।
Recommended Video
इस घटना को गंभीरता से ले योगी सरकार: मायावती
पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने मां-बेटी द्वारा विधानसभा के सामने आत्मदाह मामले पर योगी सरकार को नसीहत दी है। मायावती ने कहा, 'जमीन विवाद प्रकरण में अमेठी जिला प्रशासन से न्याय न मिलने पर माँ-बेटी को लखनऊ में सीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह करने को मजबूर होना पड़ा। यूपी सरकार इस घटना को गम्भीरता से ले तथा पीड़ित को न्याय दे व लापरवाह अफसरों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटना पुनः न हों।'
क्या है पूरा मामला
17 जुलाई की देर शाम राजधानी लखनऊ में लोकभवन के सामने उस समय हड़कंप मच गया, जब अमेठी की रहने वाली एक मां-बेटी धू-धूकर जलने लगीं और इधर-उधर भागने लगीं। इस दौरान सड़क पर वाहनों की रफ्तार रुक गई और लोग तमाशा देखने लगे। आग लगने के बाद मां-बेटी बुरी तरह झुलस गईं। पुलिस ने दोनों को फ़ौरन सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है वहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। बताया जा रहा है कि दोनों पीड़िताएं अमेठी के जामो थाना क्षेत्र की रहने वाली हैं। बता दें कि साफिया 80 प्रतिशत से अधिक जल गई है जबकि उसकी बेटी गुड़िया लगभग 20 फीसदी जल गई है।
नाली के विवाद में हुआ था झगड़ा
आरोप है कि दबंगों ने नाली को लेकर हुए विवाद में उनके साथ मारपीट की थी। दोनों जिला प्रशासन से लेकर हर जगह न्याय के लिए महीनों से चक्कर काट रही थीं लेकिन कोई कार्रवाई न होने के चलते उन्होंने यह खौफनाक कदम उठाया। फिलहाल पुलिस उनके होश में आने का इंतजार कर रही है। घायल मां-बेटी की रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि करीब एक माह पूर्व नाली के विवाद में गांव के रहने वाले अर्जुन, भीम, मिलन और राजकरण ने उन लोगों को मारा-पीटा था। जिसकी शिकायत पुलिस और प्रशासन में पीड़िता ने की लेकिन न्याय नहीं मिला।
गुड़िया के खिलाफ दर्ज किया था मुकदमा
यह मामला बीते 9 मई का है। 9 मई को गुड़िया का अपने पड़ोसी अर्जुन साहू से नाली को लेकर विवाद हुआ था। गुड़िया की तहरीर पर जामो थाने में अर्जुन साहू समेत चार लोगों के खिलाफ 308 का मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने विपक्षी अर्जुन साहू की तहरीर पर गुड़िया के खिलाफ 354 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। दो दिन पहले गौरीगंज सीओ अर्पित कपूर ने दोनों मां-बेटी का बयान भी दर्ज किया था। पुलिस द्वारा दूसरे पक्ष से दर्ज किए गए मुकदमे से मां-बेटी परेशान थीं और दोनों ने विधानसभा के सामने आत्मदाह करने का कदम उठा लिया।
ये भी पढ़ें:- यूपी विधानसभा के सामने मां-बेटी ने खुद को लगाई आग, अखिलेश यादव ने कही यह बात