अपहरण केस में विधायक Amanmani Tripathi भगोड़ा घोषित, MP-MLA कोर्ट ने जारी किया था गिरफ्तारी वारंट
Amanmani Tripathi Latest News, लखनऊ। निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी को लखनऊ की एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। अदालत ने यह कार्रवाई अपहरण के एक मामले में अमनमणि के पेश नहीं होने के बाद की है। इससे पहले एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। बता दें कि अमनमणि त्रिपाठी, महाराजगंज के नौतनवा से निर्दलीय विधायक है और पूर्व मंत्री व हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी के पुत्र हैं।
अपहरण
के
मामले
दर्ज
हुआ
था
मुकदमा
दरअसल,
छह
अगस्त,
2014
को
गोरखपुर
के
ठेकेदार
ऋषि
कुमार
पाण्डेय
ने
गौतमपल्ली
थाने
में
एफआईआर
कराई
थी
कि
अमनमणि
ने
अपने
साथियों
के
साथ
उसे
गाड़ी
से
अगवा
कर
लिया
था।
फिर
रास्ते
में
पिटाई
की
और
रंगदारी
न
देने
पर
जान
से
मारने
की
धमकी
दी
थी।
इस
मामले
में
पुलिस
ने
28
जुलाई,
2017
को
अमनमणि
व
अन्य
आरोपियों
के
खिलाफ
चार्जशीट
लगा
दी
थी।
सरकारी
वकील
मुनेश
यादव
के
मुताबिक
अदालत
में
इस
मामले
की
सुनवाई
अंतिम
दौर
में
है।
अमनमणि
कोर्ट
में
नहीं
हो
रहे
है
हाजिर
इस
मामले
की
सुनवाई
के
समय
अभियुक्त
संदीप
त्रिपाठी
और
रवि
शुक्ला
हाजिर
थे,
लेकिन
अमनमणि
उपस्थित
नहीं
हुए।
उनकी
तरफ
से
हाजिरी
माफी
की
अर्जी
दी
गई
थी।
इसमें
अमनमणि
ने
खुद
को
बीमार
बताया
था।
पर,
यह
साफ
नहीं
किया
था
कि
वे
दिल्ली
के
किस
अस्पताल
में
भर्ती
है
और
उन्हें
क्या
बीमारी
है।
जिसपर
विशेष
जज
पवन
कुमार
राय
ने
इस
मामले
की
अगली
सुनवाई
के
लिए
11
फरवरी
की
तारीख
तय
की
थी।
लेकिन
अमनमणि
गुरुवार
को
भी
कोर्ट
में
पेश
नहीं
हुई,
जिसके
बाद
विशेष
जज
पीके
राय
ने
उन्हेंने
भगोड़ा
घोषित
कर
दिया
है।
मामले
की
अगली
सुनवाई
चार
मार्च
को
होगी।
पत्नी
की
हत्या
का
भी
है
आरोप
अगर
अमनमणि
त्रिपाठी
चार
मार्च
को
कोर्ट
में
हाजिर
नहीं
होते
है
तो
उनकी
संपत्ति
कुर्क
करने
की
कार्यवाही
भी
शुरू
कर
दी
जाएगी।
बता
दें,
अमनमणि
त्रिपाठी
पर
पहली
पत्नी
की
हत्या
का
आरोप
है।
अमनमणि
ने
2013
में
सारा
सिंह
से
शादी
की
थी।
2015
में
संदिग्ध
परिस्थितियों
में
सारा
की
मौत
हो
गई
थी।
इसके
बाद
साल
2020
में
अमनमणि
ने
दूसरी
शादी
कर
ली
थी।
लगातार
बने
रहते
हैं
सुर्खियों
में
वैसे
अमनमणि
कई
बार
सुर्खियों
में
आते
रहे
हैं।
साल
2020
में
लॉकडाउन
के
दौरान
वह
उत्तराखंड
में
अपने
साथियों
के
साथ
गिरफ्तार
किए
गए
थे।
अमनमणि
11
लोगों
के
साथ
बदरीनाथ
जा
रहे
थे,
उसी
दौरान
उन्हें
उत्तराखंड
के
चमोली
में
पुलिस
ने
रोक
लिया।
उन्होंने
पुलिस
प्रशासन
को
जो
पास
दिखाया
वह
हैरान
कर
देने
वाला
था।
उन्हें
तीन
राज्यों
में
जाने
की
अनुमति
दी
गई
थी।
पास
में
तीन
कारों
के
नंबर
और
11
लोगों
को
यात्रा
की
अनुमति
थी।
हालांकि,
यूपी
सरकार
की
तरफ
से
इस
तरह
की
कोई
भी
अनुमति
देने
से
इनकार
कर
दिया
गया
था।