कानपुर एनकाउंटर मामले में मायावती का बड़ा बयान, योगी सरकार से की ये मांग
लखनऊ। कानपुर में हिस्ट्री शीटर विकास दुबे के साथ हुई मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए, जिसमें एक डीएसपी और थाना प्रभारी भी शामिल हैं। मुठभेड़ के बाद हिस्ट्री शीटर विकास दुबे फरार हो गया, जबकि उसके तीन साथियों को पुलिस ने मार गिराया। हिस्ट्री शीटर की तलाश में जगह-जगह छापेमारी की जा रही है। इस घटना के बाद विपक्ष सरकार को घेरने में जुट गया है। कांग्रेस, सपा और बसपा ने योगी सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। बसपा चीफ मायावती ने अपराधियों को किसी कीमत पर नहीं छोड़ने की मांग करते हुए कहा कि यूपी सरकार को खासकर कानून-व्यवस्था के मामले में और भी अधिक चुस्त व दुरुस्त होने की जरूरत है।
'घटना अति-दुःखद, शर्मनाक व दुर्भाग्यपूर्ण'
मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ''कानपुर में शातिर अपराधियों द्वारा एक भिड़ंत में डिप्टी एसपी सहित 8 पुलिसकर्मियों की मौत व 7 अन्य के आज तड़के घायल होने की घटना अति-दुःखद, शर्मनाक व दुर्भाग्यपूर्ण। स्पष्ट है कि यूपी सरकार को खासकर कानून-व्यवस्था के मामले में और भी अधिक चुस्त व दुरुस्त होने की जरूरत है।'' अपने दूसरे ट्वीट में मायावती ने कहा, ''इस सनसनीखेज घटना के लिए अपराधियों को सरकार को किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहिए, चाहे इसके लिए विशेष अभियान चलाने की जरूरत क्यों न पड़े। सरकार मृतक पुलिस के परिवार को समुचित अनुग्रह राशि के साथ ही परिवार के किसी सदस्य को नौकरी भी दे, बीएसपी की यह मांग है।''
अखिलेश यादव का सरकार पर बड़ा हमला
इससे पहले अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कानपुर की दुखद घटना में पुलिस के 8 वीरों की शहादत को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, उप्र के आपराधिक जगत की इस सबसे शर्मनाक घटना में 'सत्ताधारियों और अपराधियों' की मिलीभगत का ख़ामियाज़ा कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ा है। अपराधियों को जिंदा पकड़कर वर्तमान सत्ता का भंडाफोड़ होना चाहिए। अखिलेश ने कहा, उप्र की भाजपा सरकार अपनी पोलपट्टी खुलने के डर से आनन-फ़ानन में मुख्य अपराधी को न पकड़कर छोटी-मोटी मुठभेड़ दिखाने का नाटक करवा रही है। इससे पुलिसकर्मियों का मनोबल और गिरेगा तथा पुलिस का आक्रोश भी बढ़ेगा। सरकार तुरंत मुआवजा घोषित करे व परिजनों को हर संभव संरक्षण दे।
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हिस्ट्री शीटर विकास दुबे पर दर्ज हैं 60 से ज्यादा केस
बता दें कि हिस्ट्री शीटर विकास दुबे ने ही 2001 में राजनाथ सिंह सरकार में मंत्री का दर्जा पाए संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या की थी। विकास दुबे के खिलाफ 60 से ज्यादा केस दर्ज हैं, इस घटना में तीन बदमाश भी मारे गए हैं। मामले में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि 7 लोग घायल हैं, इसमें से 5 पुलिसकर्मी हैं। पुलिस के हथियार गायब हैं, इसकी जांच चल रही है कि किसके पास कौन से हथियार थे। जो भी लोग इस घृणित कार्य में लिप्त थे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुठभेड़ में देवेंद्र कुमार मिश्र, सीओ बिल्हौर महेश यादव, एसओ शिवराजपुर अनूप कुमार, चौकी इंचार्ज मंधना नेबूलाल, सब इंस्पेक्टर शिवराजपुर सुल्तान सिंह कांस्टेबल थाना चौबेपुर राहुल, कांस्टेबल बिठूर जितेंद्र, कांस्टेबल बिठूर बबलू शहीद हुए हैं।
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