CAA protest: मायावती ने कहा- पार्टी पीड़ितों के साथ, दोषी बचने नहीं चाहिए
लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहा है। रविवार को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के आसपास के इलाकों में हिंसक प्रदर्शन हुए। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी छात्रों ने प्रदर्शन किया, जिसके बाद यूपी के 6 जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध के साथ ही धारा 144 लागू कर दी गई है। सोमवार सुबह बसपा सुप्रीमो मायावती ने तीन ट्वीट करते हुए मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराने के साथ-साथ सभी साम्प्रदायों से शांति-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।
पार्टी पीड़ितों के साथ: मायावती
मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा, ''नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में की गई हिंसा में पहले उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ व फिर जामिया यूनिवर्सिटी में तथा पूरे जामिया क्षेत्र में भी जो काफी बेकसूर छात्र व आमलोग शिकार हुए हैं यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है तथा पार्टी पीड़ितों के साथ है।''
''उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराए सरकार''
मायावती ने कहा, ''उत्तर प्रदेश और केन्द्र सरकार को चाहिए कि वे इन वारदातों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराए और उनके मूल दोषी किसी भी कीमत पर बचने नहीं चाहिए और पुलिस व प्रशासन को भी निष्पक्ष रूप में कार्य करना चाहिए। वरना यह आग पूरे देश में व खासकर शिक्षण संस्थानों में भी काफी बुरी तरह से फैल सकती है। साथ ही, सभी साम्प्रदायों से यह भी अपील है वे शान्ति-व्यवस्था को बनाये रखें।''
यूपी के छह जिलों में धारा 144 लागू
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने कहा, 'पूरे उत्तर प्रदेश में शांति है। जमीन पर स्टाफ पूरी तरह से चौकस है और सभी संबंधित लोगों से जुड़ा हुआ है। पूरी ऐहतियात बरती जा रही है।' बता दें कि दिल्ली में हिंसक प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है। दिल्ली से सटे पश्चिमी यूपी के 6 जिलों अलीगढ़, बुलंदशहर, कासगंज, मेरठ, सहारनपुर, बरेली में धारा 144 लागू कर दी गई है। मेरठ, सहारनपुर, अलीगढ़ में इंटरनेट सेवाओं पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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