राष्ट्रपति के अभिभाषण का BSP ने किया बहिष्कार, प्रियंका ने कहा- किसानों को जो तोड़ना चाहते हैं वे देशद्रोही है
Mayawati and Priyanka Gandhi Latest News, लखनऊ। बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति का आज अभिभाषण होना है, जिसका बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने बहिष्कार करने का ऐलान किया है। शुक्रवार को बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट करते हुए कृषि कानूनों को विवादित बताते हुए केंद्र सरकार पर सियासी वार किया है। तो वहीं, उत्तर प्रदेश की प्रभारी व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
मायावती
ने
राष्ट्रपति
के
अभिभाषण
का
किया
बहिष्कार
बहुजन
समाज
पार्टी
(BSP)
की
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
व
यूपी
की
पूर्व
मुख्यमंत्री
मायावती
ने
बजट
सत्र
से
पहले
संसद
में
होने
वाले
राष्ट्रपति
के
अभिभाषण
का
बहिष्कार
करने
का
फैसला
लिया
है।
इससे
पहले
17
पार्टियां
राष्ट्रपति
के
अभिभाषण
का
बहिष्कार
कर
चुकी
थी।
वहीं,
अब
बीएसपी
के
आने
से
कुल
18
हो
गई
है।
मायावती
ने
शुक्रवार
को
ट्वीट
करते
हुए
लिखा,
'
बीएसपी
ने,
देश
के
आन्दोलित
किसानों
के
तीन
विवादित
कृषि
कानूनों
को
वापस
लेने
की
मांग
नहीं
मानने
व
जनहित
आदि
के
मामलों
में
भी
लगातार
काफी
ढुलमुल
रवैया
अपनाने
के
विरोध
में,
आज
मा.
राष्ट्रपति
के
संसद
में
होने
वाले
अभिभाषण
का
बहिष्कार
करने
का
फैसला
लिया
है।'
किसान
नेताओं
का
बलि
का
बकरा
न
बनाए:
मायावती
मायावती
ने
दूसरे
ट्वीट
में
कहा
कि
'कृषि
कानूनों
को
वापस
लेकर
दिल्ली
आदि
में
स्थिति
को
सामान्य
करने
का
केन्द्र
से
पुनः
अनुरोध
तथा
गणतंत्र
दिवस
के
दिन
हुए
दंगे
की
आड़
में
निर्दोष
किसान
नेताओं
को
बलि
का
बकरा
न
बनाए।
इस
मामले
में
यूपी
के
बीकेयू
व
अन्य
नेताओं
की
आपत्ति
में
भी
काफी
सच्चाई।
सरकार
ध्यान
दे।'
किसानों
को
जो
तोड़ना
चाहते
हैं
वे
देशद्रोही
है:
प्रियंका
गांधी
उत्तर
प्रदेश
की
प्रभारी
व
कांग्रेस
महासचिव
प्रियंका
गांधी
ने
भी
किसान
आंदोलन
का
समर्थन
करते
हुए
केंद्र
सरकार
पर
हमला
बोला
है।
प्रियंका
गांधी
ने
ट्वीट
करते
हुए
कहा,
'कल
आधी
रात
में
लाठी
से
किसान
आंदोलन
को
ख़त्म
करने
की
कोशिश
की।
आज
गाजीपुर,
सिंघू
बॉर्डर
पर
किसानों
को
धमकाया
जा
रहा
है।
यह
लोकतंत्र
के
हर
नियम
के
विपरीत
है।
कांग्रेस
किसानों
के
साथ
इस
संघर्ष
में
खड़ी
रहेगी।
किसान
देश
का
हित
हैं।
जो
उन्हें
तोड़ना
चाहते
हैं-
वे
देशद्रोही
हैं।
हिंसक
तत्वों
पर
सख़्त
कार्यवाही
की
जाए
लेकिन
जो
किसान
शांति
से
महीनो
से
संघर्ष
कर
रहे
हैं,
उनके
साथ
देश
की
जनता
की
पूरी
शक्ति
खड़ी
है।'