लखनऊ न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान में राजघरानों के वंशज

By Arvind Mishra
|
Google Oneindia News

Election Rally
लखनऊ। आजादी के बाद से राजनीतिक रूप से देश के सबसे महत्वपूर्ण राज्य रहे उत्तर प्रदेश में भी हमेशा से राजघरानों व रियासतों का सियासत से चोली-दामन का साथ रहा है। इस बार लोकसभा चुनाव में यहां कई राजघरानों के वंशज चुनावी मैदान में उतरे हैं। गोंडा के मनकापुर राजघराने के उत्तराधिकारी कीर्तिवर्धन सिंह तीसरी बार लोकसभा की देहरी लांघने के लिए मतदाताओं की चौखट पर पहुंचे हैं। इसके लिए उन्होंने साइकिल की सवारी (समाजवादी पार्टी) छोड़कर गोंडा में कमल का फूल (भारतीय जनता पार्टी, भाजपा) खिलाने का संकल्प लिया है।

पढ़ें- ...तो नेशनल डिमॉलिश अलायंस बन जायेगा एनडीए

यह बात दीगर है कि सपा से उनकी बगावत और पार्टी नेतृत्व के खिलाफ उनके बागी सुरों के कारण अखिलेश सरकार में कृषि मंत्री रहे उनके पिता आनंद सिंह को मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा। कीर्तिवर्धन इससे पहले 1998 व 2004 में बतौर सपा उम्मीदवार गोंडा सीट फतह कर चुके हैं।

राजकुमारी रत्ना सिंह

प्रतापगढ़ की कालाकांकर रियासत की राजकुमारी रत्ना सिंह चौथी बार संसद पहुंचने के लिए कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। वह 1996, 1998, 2009 में सांसद रह चुकी हैं। उनके पिता एवं पूर्व विदेश मंत्री राजा दिनेश सिंह यहां से सात बार सांसद रह चुके हैं। अमेठी राजघराने के राजा संजय सिंह की पत्नी अमिता सिंह कांग्रेस के टिकट से इस बार सुल्तानपुर से चुनावी मैदान में हैं। यहां से मौजूदा सांसद संजय सिंह को राज्यसभा भेजने के बाद कांग्रेस ने उनकी पत्नी पर दांव लगाया। अमिता सिंह 2012 का विधानसभा चुनाव हार चुकी हैं।

कुंवर रेवती रमण सिंह

इलाहाबाद की बरांव रियासत के कुंवर रेतवी रमण सिंह आठ बार विधायक और इलाहाबाद से दो बार सांसद निर्वाचित होने के बाद इस बार सपा के टिकट से एक बार फिर हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में हैं। 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी को हराया तो 2009 में बसपा के अशोक वाजपेयी को शिकस्त दी।

पक्षालिका सिंह

आगरा की भदावर रियासत के राजा एवं उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री महेंद्र अरिदमन सिंह की पत्नी पक्षालिका सिंह फतेहपुर सीकरी सीट से सपा के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं।

बेगम नूर बानो

रामपुर के नवाब खानदान की बेगम नूरबानो रामपुर से जीतकर संसद पहुंच चुकी हैं, लेकिन इस बार वह मुरादाबाद से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। वहीं उनके बेटे नवाब काजिम अली खान कांग्रेस के टिकट पर रामपुर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वह फिलहाल रामपुर की स्वार सीट से विधायक भी हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और पडरौना की जगदीशगढ़ रियासत के कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह (आऱ पी़ एऩ सिंह) एक बार फिर अपनी प्रतिष्ठा बरकरार रखने के लिए कुशीनगर से कांग्रेस उम्मीदवार हैं।

सामाज विज्ञानी विजय उपाध्याय कहते हैं, "हमारे मुल्क में राजशाही भले ही खत्म हो गई हो, लेकिन राजघरानों के सदस्यों में शासन की ललक अब भी बरकरार है और इसके लिए वे चुनावी राजनीति का सहारा लेते हैं।" वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार पांडे कहते हैं, "हुकूमत करने के आदी राजघरानों के वंशज चुनाव में परचम न लहरा पाने पर अपने वजूद को बचाने के लिए कई बार सियासी दल बदलने से भी परहेज नहीं करते। राजनीतिक दल इस कुलीन तबके की चमक-धमक पर सियासत के दांव लगाने में कोताही नहीं बरतते।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Comments
English summary
There are so many descendant in the field of Lok Sabha Election from Uttar Pradesh. Just have a look on some.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X