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लखनऊ: महाहड़ताल का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, न्यायालय ने आज सुनवाई से किया इनकार

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Lucknow news, लखनऊ। कर्मचारियों की महाहड़ताल से घबराई प्रदेश सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में दो पीआईएल दाख़िल किया है। एस्मा और शहर में धारा144 के बावजूद प्र्मचारी संगठनों ने हड़ताल किया जिसकी वजह से कई कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया। सरकार के पीआईएल पर हालांकि हाईकोर्ट ने सुनवाई से आज इनकार कर दिया।

राजभवन के सामने महाहड़ताल

राजभवन के सामने महाहड़ताल

पुरानी पेंशन बहाली मंच के बैनर तले कर्मचारी, शिक्षक एवं अधिकारी तथा केन्द्रीय कर्मचारी कमर्चारियों ने बुधवार को राजभवन के सामने महाहड़ताल की शुरुआत की। धारा 144 लागू होने के बावजूद भारी संख्या में राज कर्मचारी हुए इकट्ठा पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कमर्चारियों ने कई सरकारी कार्यालयों में तालाबंदी कर हड़ताल पर बैठ गए। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर यूपी में राज्य कर्मचारी संगठन की महाहड़ताल आज से शुरू हो गई। प्रदेश सरकार के अफसर इस हड़ताल को रोकने में पूरी तरह नाकाम रहे।

20 लाख कर्मचारियों व शिक्षकों शामिल होने का दावा

20 लाख कर्मचारियों व शिक्षकों शामिल होने का दावा

सरकार द्वारा एस्मा लगाने के बावजूद इस हड़ताल में बड़ी संख्या में कई सरकारी विभाग के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच ने हड़ताल में करीब 150 संगठनों के 20 लाख कर्मचारियों व शिक्षकों के शामिल होने का दावा किया है। मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि 12 फरवरी तक चलने वाली सात दिन की हड़ताल के शुरुआती दिनों में बिजली व स्वास्थ्य सेवाओं को अलग रखा जाएगा, लेकिन आखिरी दिनों में सभी आवश्यक सेवाएं भी ठप कर दी जाएंगी।मंगलवार को लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जिलों में ‘एक ही मिशन-पुरानी पेंशन' की तख्तियां लेकर बाइक रैली निकाली और दफ्तरों का भ्रमण कर कर्मचारियों से हड़ताल में शामिल होने का आह्वान किया।

'सरकार ने नहीं लिया कोई निर्णय'

'सरकार ने नहीं लिया कोई निर्णय'

अधिकारियों ने हड़ताल का असर न पड़ने देने की तैयारी की है।पुरानी पेंशन बहाली मंच के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा व संघर्ष समिति के चेयरमैन शिवबरन सिंह यादव ने कहा कि कर्मचारियों ने इस मामले में सरकार को भरपूर समय दिया, लेकिन शासन में बैठे अधिकारियों की निष्क्रियता से कोई निर्णय नहीं हो सका है। हड़ताल के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कर्मचारी नेताओं ने कहा कि हक मांगने के लिए आंदोलन हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है, सरकार एस्मा लगाकर इसका दमन नहीं कर सकती।

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English summary
lucknow high court refuses to hear fresh PIL on wednesday
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