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बाहुबली गुड्डू पंडित की 8 साल बाद घर वापसी, मायावती ने अपने घर से कराया था गिरफ्तार

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लखनऊ। फतेहपुर सीकरी लोकसभी सीट पर नामांकन के आखिरी दिन बसपा ने बुलंदशहर के डिबाई के पूर्व विधायक श्रीभगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित को उम्मीदवार बनाया है। आपको बता दें कि करीब आठ वर्ष पूर्व बसपा छोड़ने वाले गुड्डू को एक बार फिर बसपा ने आसरा दिया है। बुलंदशहर की डिबाई विधानसभा सीट को एक समय राजस्थान के राज्यपाल व पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह व भाजपा का गढ़ माना जाता था। लेकिन वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव से पूर्व बसपा सुप्रीमो ने गुड्डू पंडित को डिबाई से मैदान में उतार दिया।

कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह को दी थी शिकस्त

कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह को दी थी शिकस्त

डिबाई सीट से भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया चुनाव लड़ रहे थे। लेकिन, गुड्डू पंडित ने राजू भैया को उन्हीं के गढ़ में हराकर राजनीतिक पंडितों को भी चौंका दिया था। बसपा छोड़ने के बाद एक बार फिर वर्ष 2012 के विस चुनाव में डिबाई से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह को फिर से करारी शिकस्त दी थी।

सपा से की थी बगावत

सपा से की थी बगावत

2016 में उन्होंने एमएलसी के चुनाव में भाजपा को वोटिंग करके सपा से बगावत कर दी थी। इसके बाद सपा से बागी हुए गुड्डू को उम्मीदें थी कि भाजपा हाईकमान उन्हें व उनके भाई मुकेश को 2017 विधानसभा चुनाव में टिकट देकर मैदान में उतारेगी। लेकिन, इस बार गुड्डू का दांव उलटा पड़ गया। भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया और दरकिनार कर दिया। इसके बाद बीते विस चुनाव में रालोद का दामन थाम गुड्डू व उनके भाई ने चुनाव लड़ा और करारी शिकस्त झेली। इसके बाद से ही लगातार गुड्डू के बसपा या कांग्रेस में शामिल होने की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं।

एक बार बसपा ने फिर जताया भरोसा

एक बार बसपा ने फिर जताया भरोसा

सपा-बसपा-रालोद गठबंधन की ओर से गुड्डू को बसपा के टिकट पर फतेहपुर सीकरी से मैदान में उतार दिया है। इस सीट पर पहले पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय को प्रभारी बनाया गया था। इस सीट पर गुड्डू की राह आसान नहीं लग रही है। देखना है कि इस बार गुड्डू बसपा सुप्रीमो के भरोसे पर कितना खरा उतरते हैं।

2012 में थे 13 आपराधिक मामले

2012 में थे 13 आपराधिक मामले

2012 में उन्होंने जो हलफनामा दाखिल किया उसके मुताबिक उन पर 13 आपराधिक मामले चल रहे हैं। 2008 में उन पर एक लड़की ने उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। ये मामला काफी बढ़ गया था और तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने उन्हें दिल्ली स्थित अपने बंगले पर बुलाया था। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद गुड्डू पंडित करीब एक वर्ष तक जेल में बंद रहे थे। जेल से बाहर आने के बाद गुड्डू ने बसपा का दामन छोड़ सपा का दामन थाम लिया था। बता दें कि 2010 में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में गुड्डू पंडित पर बीडीसी सदस्यों के अपहरण का आरोप लगा था। बेहद दबंग और आपराधिक छवि के बावजूद अखिलेश ने उन पर भरोसा जताया था।

आपराधिक मामले

आपराधिक मामले

गुड्डू पंडित के खिलाफ अलीगढ़, नोएडा, बुलंदशहर में कुल 7 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन मामलों में चौथ वसूली, जान से मारने की धमकी देना, घर में घुसकर मारपीट करना, गाली-गलौच करना, झगड़ा करना, भड़काऊ भाषण देने के मामले है। सभी मामले अभी विचाराधीन हैं।

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English summary
Lok Sabha Elections 2019 BSP candidate Guddu Pandit crime record
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