जानिए कौन हैं DIG अनंत देव तिवारी, जिन पर शहीद सीओ के परिवार ने उठाए सवाल
लखनऊ। बिकरू गांव में बिल्हौर CO देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। वहीं, इस मामले की जांच कर रही एसटीएफ पर भी शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के परिवार वालों ने सवाल उठाया है। बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा के भाई कहा कहना है कि एससटीएफ के डीआईजी अनंत देव तिवारी खुद संदेह के दायरे में हैं, तो वो खुद इस मामले की जांच कैसे कर सकते हैं। दरअसल, यह सवाल तीन महीने पहले सीओ द्वारा लिखी तत्कालीन एसएसपी कानपुर अनंत देव को एक चिट्ठी के सामने आने के बाद उठने लगे है।
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देवेंद्र मिश्रा से विकास दुबे ने निकाली दुश्मनी
बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा के भाई ने कहा, 'विकास दुबे के खिलाफ मेरे भाई (सीओ देवेंद्र मिश्री) ने एफआईआर दर्ज की। विकास दुबे के कालेधंधे बंद कराए। अगर मुठभेड़ में गोली लग गई होती तो अलग बात होती, लेकिन उन्हें घेरकर मारा गया है। पैर काट दिए, सिर में गोली मारी, छाती पर गोली मारी, 50 घाव दिए, इससे साफ जाहिर होता है कि भाई के प्रति विकास दुबे के मन में कितना गुस्सा था।'
कोई अपनी जांच खुद कैसे कर सकता है
उन्होंने आगे कहा, कोई भी व्यक्ति खुद अपनी जांच नहीं कर सकता। न्याय का सामान्य सा सिद्धांत है कि जिन लोगों पर संदेह होता है उन्हें जांच से दूर रखा जाता है। खुद संदेह के दायरे में आना व्यक्ति क्या जांच करेगा। उन्होंने कहा कि सही जांच कमेटी का चयन किया जाना चाहिए। वरना ऐसे लोग तो सच पर धूल दाल देंगे। दरअसल, 6 जुलाई को सीओ देवेंद्र मिश्रा की बेटी वैष्णवी ने मीडिया कर्मियों को एक चिट्ठी दी थी। तत्कालीन एसएसपी कानपुर अनंत देव को लिखी सीओ की यह चिट्ठी सामने आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
नहीं मिला पत्र का कोई रिकॉर्ड
तत्कालीन एसएसपी कानपुर अनंत देव तिवारी को लिखा तीन महीने पुराना पत्र वायरल होने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। जिसके बाद पत्र की तलाश शुरू हुई, लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में पत्र नहीं मिला। इस मामले में कानपुर के एसएसपी दिनेश प्रभु ने जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि सीओ के पत्र और ऑडियो का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। इस मामले में जांच की जा रही है। वहीं, दूसरी ओर इस मामले जांच कर रहे कानपुर जोन के एडीजी जय नारायण सिंह से यह जांच वापल ले ली गई है। अब पूरे मामले की जांच लखनऊ जोन की आईजी लक्ष्मी सिंह करेंगी। बता दें कि मंगलवार की सुबह आईजी लक्ष्मी सिंह बिल्हौर सीओ कार्यालय पहुंच गई। इस दौरान आईजी लक्ष्मी सिंह ने सीओ कार्यालय में तैनात पूरे स्टाफ को बुलाया और कार्यालय में आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया।
जानिए कौन हैं एसटीएफ के DIG अनंत देव तिवारी
अनंत देव तिवारी फतेहपुर जिले के चांदपुर थाना क्षेत्र के गढ़ गांव के रहने वाले है। इनके पिता पेशे से कथावाचक हैं। 1987 बैच में पीपीएस में भर्ती हुए अनंत देव 2006 में आईपीएस बने। बता दें कि अनंत देव तिवारी ने 150 एनकाउंट को लीड किया, जिसमें 38 एनकाउंटर खुद उन्होंने किए। डीआईजी अनंत देव तिवारी ने बसपा शासन काल के दौरान पाठा के अलावा चंबल व बीहड़ में डकैतों की बंदूकों को पूरी तरप से खामोश कर दिया।
ददुआ का किया एनकाउंटर
डीआईजी अनंत देव तिवारी ने पाठा के बेताब बादशाह रहे डकैत ददुआ को मुठभेड़ के बाद मार गिराया था। ददुआ तीस साल तक पुलिस के लिए सिरदर्द बना रहा। मायावती सरकार आने के बाद तत्कालीन एसएसपी अनंत देव को पाठा में उतारा गया, जिसके चलते ददुआ के अलावा ठोकिया समेत कई इनामी अपराधी व दो आतंकी को भी मार गिराया था।
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