जानिए कैसे अरबपति बने BSP के पूर्व एमएलसी इकबाल, ईडी को मिले कई साक्ष्य
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी के पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल के सहारनपुर स्थित घर पर 14 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने 15 अक्टूबर की सुबह 4:30 बजे तक छानबीन की। ईडी की टीम ने घर से कुछ जेवरात व दो लैपटॉप मिले। जिन्हें वह अपने साथ ले गई। जिस सामान को टीम अपने साथ लेकर गई है उस सामान की सूची का एक दस्तावेज पूर्व एमएलसी परिवार के एक रिश्तेदार को रिसीव भी कराया है।
जानिए
पूर्व
एमएलसी
मोहम्मद
इकबाल
कैसे
बने
अरबपति
इकबाल
के
ठिकानों
पर
मारे
गए
छापों
में
प्रवर्तन
निदेशालय
(ईडी)
को
कुछ
ऐसे
दस्तावेज
हाथ
लगे
हैं
जो
उनके
इस
पूरे
काले
साम्राज्य
का
खुलासा
कर
सकते
है।
मीडिया
रिपोर्ट्स
के
मुताबिक,
बसपा
के
पूर्व
एमएलसी
मोहम्मद
इकबाल
ने
मुखौटा
(शेल)
कंपनियों
के
जरिए
अपने
आर्थिक
साम्राज्य
को
वैध
आधार
देने
की
कोशिश
की।
अवैध
खनन
से
हासिल
काली
कमाई
को
इन्हीं
मुखौटा
कंपनियों
में
खपाया
गया
था।
काली
कमाई
खपाने
के
लिए
बनाईं
थी
शेल
कंपनिया
ईडी
ने
इकबाल
और
उनके
परिवार
की
110
कंपनियों
का
पता
लगाया
है,
जिनमें
से
ज्यादातर
शेल
कंपनिया
हैं।
शेल
कंपनियां
वो
होती
हैं
जो
प्रायः
कागजों
पर
चलती
हैं
और
पैसे
का
भौतिक
लेन-देन
नहीं
करती
हैं।
इन
कंपनियों
को
मनी
लांड्रिंग
का
आसान
जरिया
माना
जाता
है।
इसी
वजह
से
इन्हें
मुखौटा
कंपनी
या
'छद्म
कंपनी'
भी
कहा
जाता
है।
इकबाल
ने
भी
काली
कमाई
खपाने
के
लिए
ऐसी
ही
कंपनियां
बनाईं।
फर्जी
प्रपत्रों
ने
खोल
दी
कंपनियों
की
पोल
खबर
के
मुताबिक,
बसपा
शासनकाल
में
चीनी
मिलें
खरीदने
के
लिए
तैयार
किए
गए
फर्जी
प्रपत्रों
ने
भी
इन
कंपनियों
की
पोल
खोल
दी
थी।
सबसे
पहले
केंद्रीय
वित्त
मंत्रालय
के
अधीन
काम
करने
वाली
संस्था
'सीरियस
फ्रॉड
इन्वेस्टीगेशन
आर्गनाइजेशन'
(एसएफआईओ)
ने
इसका
खुलासा
किया
था।
एसएफआईओ
की
जांच
में
पता
चला
था
कि
चीनी
मिलें
खरीदने
वाली
कंपनियां
फर्जी
पते
पर
बनाई
गई
थीं।
इसी
जांच
के
आधार
पर
बाद
में
केंद्रीय
जांच
ब्यूरो
(सीबीआई)
ने
भी
मामला
दर्ज
किया।
CBI
की
जांच
की
दिशा
में
आगे
बढ़
रही
है
ED
अब
ईडी
की
जांच
भी
एसएफआईओ
और
सीबीआई
की
जांच
की
दिशा
में
ही
आगे
बढ़
रही
है।
पीएमएलए
के
तहत
ईडी
की
जांच
में
कई
दस्तावेजी
साक्ष्य
मिलने
लगे
हैं।
ईडी
को
सहारनपुर
में
700
एकड़
में
बनी
एक
यूनिवर्सिटी
में
भी
अवैध
कमाई
खपाने
का
अंदेशा
है।
इसी
तरह
होटलों
में
भी
निवेश
किया
गया
है।
साथ
ही
कई
स्थानों
पर
नामी-बेनामी
संपत्तियों
का
भी
पता
चला
है।
बेबुनियाद
है
सभी
आरोप:
इकबाल
पूर्व
एमएलसी
हाजी
इकबाल
का
कहना
है
कि
उनके
ऊपर
लगाए
गए
सभी
आरोप
बेबुनियाद
हैं।
ईडी
की
टीम
हमारे
निवास
पर
बिना
किसी
नोटिस
के
पहुंची
थी।
जिस
मामले
को
लेकर
टीम
आई
थी,
उसमें
दिनांक
जुलाई
2019
को
केस
संख्या
20807
में
अदालत
द्वारा
उनके
ऊपर
लगाए
गए
सभी
आरोप
बेबुनियाद
बताए
गए
थे।
उनका
किसी
भी
तरह
का
हस्तक्षेप
मनी
लॉन्ड्रिंग
व
राष्ट्र
विरोधी
गतिविधियों
में
नहीं
निकला।
वहीं
संविधान
की
जिस
71
ए
का
जिक्र
किया
गया
है।
उसके
अनुसार
किसी
भी
प्राइवेट
व्यक्ति
की
इस
तरह
जांच
नहीं
हो
सकती।
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