पुलिस को मिली कॉल रिकार्डिंग से हुआ खुलासा, जानिए एक फोन कॉल के बाद विकास दुबे ने कैसे रचा था खूनी चक्रव्यूह?
लखनऊ। बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया था। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी और पांच लाख रुपए का इनामी बदमाश विकास दुबे 7 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लग सका है। यूपी एसटीएफ और पुलिस हरियाणा, नोएडा और दिल्ली बॉर्डर पर उसकी तलाश में डेरा डाले हुए है। इसी बीच एसटीएफ को मिली एक कॉल रिकार्डिंग ने यह स्पष्ट हो गया है कि दुर्दांत अपराधी के लिए चौबेपुर एसओ विनय तिवारी, बीच इंचार्ज केके शर्मा और सिपाही राजीव चौधरी ने विभाग से गद्दारी की थी। जिसकी वजह से सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। फिलहाल इन तीनों को 14 दिनों की रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। लेकिन 2 जुलाई की उस काली रात को ऐसा क्या हुआ कि विकास दुबे ने खूनी चक्रव्यूह रचा? आइए जानते है...
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राहुल नाम के शख्स ने दर्ज कराई थी विकास दुबे पर FIR
विकास दुबे ने यह खूनी साजिश राहुल नाम के शख्स की उस एफआईआर के बाद रची, जो गुरुवार को चौबेपुर थाने में दर्ज कराई गई थी। इस संबंध में थाने के दीवान यशवीर सिंह ने बताया कि राहुल ने विकास पर अपने ससुर लालू की जमीन जबरन अपने नाम कराये जाने की एफआईआर कराई थी। एफआईआर में उसने लिखवाया था कि विकास उसे रास्ते से जबरन अपनी गाड़ी में डालकर अपने घर ले गया था, जहां उसने मुझे मार पीटकर एक कमरे में बंद कर दिया था। किसी तरह रात में मौक़ा देखकर वो वहां से भाग आया।
हत्या के प्रयास की FIR के बाद सीओ ने लिया था दबिश का निर्णय
चौबेपुर थाने में विकास दुबे के खिलाफ हत्या के प्रयास की एफआईआर दर्ज की गई थी। इस केस में जांच अधिकारी दारोगा केके शर्मा को बनाया गया। इसके बाद तय हुआ कि देर रात पुलिस की टीम विकास दुबे के घर पर दबिश देगी। इस टीम का नेतृत्व खुद सीओ बिल्हौर देवेंद्र शर्मा कर रहे थे। लेकिन दरोगा केके शर्मा ने फोन कर दबिश की सूचना विकास दुबे को दे दी। इसके बाद विकास ने एक सिपाही से बात की और कहा कि आने दो सभी को मार दूंगा। यह बात सिपाही ने थानेदार रहे विनय तिवारी को बताई, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
एसओ ने विकास से कहा- आज आर-पार कर दो, वरना...
इसके बाद खुद एसओ विनय तिवारी ने फोन पर विकास से कहा कि आज आरपार कर दो, सीओ आ रहे हैं, वरना तुम्हारा एनकाउंटर हो जाएगा। इसके बाद ही विकास दुबे ने यह खूनी चक्रव्यूह रचा। कॉल रिकार्डिंग के आधार पर एक पुलिस अफसर ने बताया कि दो जुलाई की रात दरोगा केके शर्मा ने विकास को फोन किया। उसे बताया कि तुम्हारे खिलाफ सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्र के आदेश पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया है। सीओ साहब खुद तीन-चार थानों की फोर्स लेकर दबिश डालने वाले हैं। इस बीच विकास की दरोगा से कई बार बातचीत हुई।
'विकास ने कहा था आने दो आज मार ही दूंगा'
दरोगा ने विनय तिवारी से विकास की बात कराई। तब विनय ने कहा कि आरपार कर दो, वरना मारे जाओगे। इसके बाद विकास ने पूरी साजिश रची। रास्ते में जेसीबी लगवाई और गुर्गों को बुलाकर असलहे एकत्र किए और दबिश पड़ते ही पुलिस पर चारों तरफ से हमला बोल दिया। पुलिस की जांच में पता चला कि सिपाही राजीव चौधरी को विकास ने कई बार कॉल किया। तीन-चार मिस्ड कॉल के बाद उसने कॉल रिसीव की। तब उसने सिपाही से कहा कि मेरे घर पर दबिश डाल एनकाउंटर की तैयारी है। सिपाही ने कुछ बोलना चाहा तो विकास ने कहा कि आने दो आज मार ही दूंगा।
सिपाही ने थानेदार को बताया पर कुछ नहीं किया
सिपाही राजीव ने विकास की धमकी भरे कॉल की जानकारी एसओ रहे विनय तिवारी को दी थी। मगर विनय पहले से ही विकास की साजिश में शामिल हो चुका था। इसलिए उसने किसी आला अधिकारी को भी नहीं बताया और न ही दबिश डालने से मना किया। विनय तिवारी ने अगर बता दिया होता तो शायद पुलिस ज्यादा तैयारी के साथ पीएसी लेकर दबिश पर जाती। इसीलिए विनय तिवारी और के के शर्मा को आपराधिक साजिश की धाराओं में गिरफ्तार किया गया है।